चंडीगढ़, 14 सितंबर — पंजाब में बाढ़ का संकट धीरे-धीरे थम रहा है और अब हालात सामान्य होते दिख रहे हैं। पानी उतरने के साथ ही मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी सरकार ने राहत और पुनर्निर्माण का महाअभियान शुरू कर दिया है। 14 से 23 सितंबर तक पूरे राज्य में चलने वाले इस विशेष सफाई और बहाली ड्राइव का लक्ष्य है कि 2300 से ज्यादा गांवों और शहरी वार्डों को पहले से बेहतर हालात में खड़ा किया जाए।
हर गली, हर वार्ड को साफ-सुथरा बनाने का संकल्प
मान सरकार ने जलभराव से जमा हुई गाद, सिल्ट और गंदगी को हटाने के लिए नगर निगम, नगर परिषद और पंचायतों को साफ निर्देश दिए हैं। अभियान में 1000 से ज्यादा सफाई कर्मचारी, 200+ ट्रैक्टर-ट्रालियां, 150 JCB मशीनें और बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी मैदान में जुटे हैं। हर ज़ोन की जिम्मेदारी नोडल अफसरों को दी गई है, जबकि जिलों में एडीसी और नगर निगमों में कमिश्नर सीधा मोर्चा संभाले हुए हैं।
मुख्यमंत्री की खुद निगरानी
मुख्यमंत्री भगवंत मान इस पूरी मुहिम की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उनका साफ कहना है कि यह कोई औपचारिक अभियान नहीं, बल्कि पंजाब के हर नागरिक के घर-आंगन को फिर से खुशहाल बनाने का संघर्ष है। वे रोज़ाना अधिकारियों से संपर्क में रहते हैं और ग्राउंड रिपोर्ट खुद ले रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान
सरकार ने सफाई के साथ स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पूरा जोर दिया है। प्रभावित क्षेत्रों में दवा छिड़काव, साफ पानी की आपूर्ति और मेडिकल कैंप लगाए जा रहे हैं। 5 सितंबर को जारी एडवाइजरी के अनुसार सभी नगरीय निकायों को साफ-सफाई और रोग रोकथाम के उपाय तुरंत लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
नुकसान का सर्वे और मुआवज़े की तैयारी
बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन तेज़ी से जारी है। इंजीनियरिंग टीमें घरों, दुकानों, सड़कों, बिजली के खंभों और जल योजनाओं का सर्वे कर रही हैं ताकि हर प्रभावित परिवार को जल्द मुआवज़ा मिल सके।
पारदर्शिता और जवाबदेही
मान सरकार ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हर जगह काम से पहले और बाद की तस्वीरें लेने का आदेश दिया है। इससे यह तय होगा कि कोई भी काम अधूरा न रहे और हर ज़रूरतमंद तक सरकारी मदद पहुंचे।
लोगों का भरोसा और सरकार की संकल्पना
सुबह से ही JCB और ट्रैक्टर-ट्रालियों की आवाज़ें यह संकेत दे रही हैं कि पंजाब अब सिर्फ राहत नहीं, बल्कि पुनर्निर्माण की ओर बढ़ चुका है। लोग भी कह रहे हैं कि पहली बार सरकार इतनी तेज़ी और गंभीरता से गली-गली तक पहुंची है। जनता को यह भरोसा हुआ है कि मान सरकार सिर्फ घोषणाओं तक सीमित नहीं, बल्कि जमीन पर काम करने वाली सरकार है।
एकजुटता और सेवा-भाव का सबूत
मुख्यमंत्री मान की सोच ने साबित किया है कि बाढ़ जैसी आपदा को भी जिम्मेदारी और एकजुटता से अवसर में बदला जा सकता है। मान सरकार ने राहत कार्यों को प्रचार का मंच नहीं, बल्कि जनसेवा और जवाबदेही का अवसर माना। यही फर्क है जो एक लोक-सेवक सरकार और दिखावटी राजनीति में साफ दिखता है।
विपक्ष सवालों में, सरकार मैदान में
जब विपक्ष सवालों की स्क्रिप्ट लिख रहा है, तब भगवंत मान और उनकी टीम गांव-गांव जाकर अपने काम से जवाब दे रहे हैं। पंजाब के लोग अब कह रहे हैं —
“मान सरकार खड़ी है, सिर उठाके, सीना ठोक के, अपने लोकां दे नाल — हर वक्त, हर हाल।”