फिरोज़पुर: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर कहा है कि राज्य आपदा राहत कोष (SRF) में फंड पर्याप्त होने के बावजूद केंद्र सरकार के मौजूदा दिशा-निर्देश और अधिसूचित शर्तें किसानों, पशुपालकों और अन्य प्रभावित वर्गों के वास्तविक नुकसान के अनुरूप मुआवज़ा देने में नाकाफी साबित हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने फसलों की उत्पादन लागत और इस प्राकृतिक आपदा के बीच असंतुलन की ओर इशारा करते हुए मुआवज़ा बढ़ाने की सख्त माँग दोहराई।
नाव से प्रभावित इलाके का जायज़ा — कम से कम ₹50,000 प्रति एकड़ चाहिए
गटी राजो के गाँव में अधिकारियों के साथ नाव से हालात का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ में पक कर तैयार हुई फसलों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने स्पष्ट कहा, “किसानों को कम से कम ₹50,000 प्रति एकड़ मुआवज़ा मिलना चाहिए।” उनका कहना था कि अधिसूचित शर्तें और तय की गई लागतें किसानों के वास्तविक नुकसान की बराबरी नहीं कर पातीं।
मृतकों के परिजनों के लिए एक्स-ग्रेशिया बढ़ाने की अपील
मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बाढ़ में जान गंवाने वालों के परिवारों के लिए दिया जाने वाला एक्स-ग्रेशिया मौजूदा ₹4 लाख से बढ़ाकर ₹8 लाख करने का आग्रह किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र से इस दुख की घड़ी में उदार रवैया रखने की अपेक्षा है ताकि प्रभावितों को शीघ्र और पर्याप्त सहायता मिल सके।
दिव्यांगता मुआवज़े में वृद्धि का आग्रह
मुख्यमंत्री ने बाढ़ से दिव्यांग हुए लोगों के लिए मिलने वाली राशि बढ़ाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि फिलहाल 40–60% दिव्यांगता पर ₹74,000 और 60% से अधिक पर ₹2.50 लाख मिलता है — मान ने इसे क्रमशः ₹1.50 लाख और ₹5 लाख किए जाने की मांग रखी।
केंद्र से ₹60,000 करोड़ फंड रिलीज करने की अपील
मान ने बताया कि उन्होंने पहले भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पंजाब के रोके हुए ₹60,000 करोड़ रिलीज करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई शर्तें पीड़ितों की मदद में बाधा बन रही हैं और इन शर्तों में नरमी लाने की आवश्यकता है।
बाढ़ का दायरा और मौजूदा स्थिति
मुख्यमंत्री ने बताया कि हालिया बाढ़ से राज्य के 1,300 से अधिक गाँव प्रभावित हुए हैं और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण 10 से अधिक जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। मान ने कहा कि वर्तमान में लगभग 3 लाख एकड़ खेत डूबे हुए हैं — इनमें अधिकतर में धान की फसल थी जिसकी कटाई कुछ ही हफ्तों में होने वाली थी — और स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
राज्य सरकार की तैयारियाँ और राहत-बचाव कार्य
मान ने कहा कि वह स्वयं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और राज्य सरकार प्रभावितों की कठिनाइयों को कम करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री ने उन्हें फोन कर हालात की जानकारी ली है और केंद्र स्तर पर भी परिपक्वता की अपेक्षा है।
संक्षेप में: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र से मुआवज़े व एक्स-ग्रेशिया बढ़ाने, दिव्यांगता मुआवज़े में सुधार और पंजाब पर रोक राशि (₹60,000 करोड़) जारी करने की मांग की है; राज्य में हजारों गाँव प्रभावित और लाखों लोगों की जिंदगी प्रभावित है, जबकि सरकार राहत व बचाव में जुटी हुई है।














