पटना/नई दिल्ली — विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के मकसद से आज (26 सितंबर 2025) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” (Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana) का शुभारंभ किया। योजना के पहले चरण में राज्य के 75 लाख लाभार्थी महिलाओं के बैंक खातों में प्रतिव्यक्ति ₹10,000 की पहली किस्त सीधे ट्रांसफर कर दी गई — कुल राशि करीब ₹7,500 करोड़ बताई जा रही है।
क्या मिलेगा और किस तरह मदद होगी
योजना के अंतर्गत हर लाभार्थी महिला को शुरुआत में ₹10,000 दिए गए हैं ताकि वे छोटा स्वरोज़गार शुरू कर सकें — जैसे किराना की छोटी दुकान, बर्तन या कॉस्मेटिक की दुकान, खिलौने, स्टेशनरी, सिलाई-बुनाई, हस्तशिल्प, पशुपालन, कृषि से जुड़ा माइक्रो-उद्यम आदि। आगे के चरणों में चयनित और सफल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रति महिला अतिरिक्त वित्तीय सहायता तक ₹2 लाख तक दी जा सकती है। अधिकारी बताते हैं कि यह सहायता न केवल अनुदान होगी, बल्कि प्रशिक्षण, मार्केटिंग और बैंकिंग लिंकज जैसी सहायताओं के साथ दी जाएगी।
प्रधानमंत्री के शब्द — महिलाओं के सशक्तिकरण पर ज़ोर
समारोह के दौरान पीएम मोदी ने “नवरात्रि के पर्व में आप सबका आशीर्वाद हमारे लिए बड़ी ताकत है” जैसे शब्दों के साथ महिलाओं के लिए यह दिन महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि जब कोई बहन-बेटी रोजगार करती है तो उसके सपनों को पंख लगते हैं और समाज में उसका सम्मान बढ़ता है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस योजना के तहत भेजे जा रहे पैसे सीधे लाभार्थियों के खातों में जाएंगे और कहीं से कटौती नहीं होगी — “कोई एक पैसा नहीं मार सकता” जैसे बयान भी उन्होंने दिए।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और समय-सारिणी
यह पहल विधानसभा चुनाव से पहले की घोषणाओं की श्रृंखला का हिस्सा है और इसे राज्य सरकार (मुख्यमंत्री नीतीश कुमार) व केंद्र के सहयोग से लागू किया जा रहा है। कई समाचार कवरेज ने इस कार्यक्रम को चुनावी संदर्भ में भी देखा है — सरकार इसे विकासात्मक व सामाजिक लाभ दोनों के रूप में पेश कर रही है, जबकि विपक्ष के संभावित राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की संभावना भी बनी रहती है।
तकनीकी और वित्तीय व्यवस्था — डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर
सरकार ने पैसों का वितरण सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में क्रियान्वित किया है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और लाभार्थियों तक राशि बिना किसी मध्यस्थता के पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि लाभार्थियों की सूची और बैंकिंग विवरण राज्य-स्तरीय डेटाबेस व बैंकिंग नेटवर्क के माध्यम से सत्यापित कर के भुगतान किया गया। इस चरण में 75 लाख महिलाओं के खातों में मोबाइल/बैंक मैसेज के जरिए जगह-स्थानांतरण की सूचना भी भेजी गयी।
“लखपति दीदी” का वृहद लक्ष्य — केंद्र की बड़ी तस्वीर
प्रधानमंत्री का यह भी उद्देश्य बताया गया कि यह योजना महिलाओं को छोटे-छोटे व्यवसायों से बढ़ाकर लखपति-स्तर तक पहुंचाने का एक कदम है। केंद्र सरकार के स्तरीय लक्ष्यों में पहले से ही “लखपति दीदी” अभियान शामिल है — जिसके तहत अगले वर्षों में करोड़ों महिलाओं को वार्षिक आय ₹1 लाख या उससे अधिक तक पहुँचाने के लक्ष्य का हवाला दिया गया है; हाल के वक्त में इस लक्ष्य का विस्तार कर 3 करोड़ लखपति दीदियों तक पहुंचाने की बातें कही जा चुकी हैं।
लाभार्थियों के लिए कायमी सलाह और अगला कदम
सरकार ने लाभार्थियों के लिए सुझाव दिए हैं कि वह:
शुरुआती ₹10,000 का उपयोग रखरखाव, रॉ-मैटेरियल, छोटे उपकरण, या दुकान खोलने के शुरुआती खर्चों में करें;
स्थानीय स्वयं सहायता समूह (SHG) और बैंकिंग समेकन से जुड़कर आगे के ऋण/सहयोग का पात्रता बनायें;
योजना के तहत मिलने वाले प्रशिक्षण और मार्केटिंग-समर्थन का लाभ उठाकर उत्पाद/सेवा की गुणवत्ता व बिक्री बढ़ायें।
विशेषज्ञ और समर्थक क्या कहते हैं (संभावित प्रभाव)
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह निधि सही प्रशिक्षण, बैंकिंग नेटवर्क और बाज़ार कनेक्टिविटी के साथ जोड़कर दी जाए तो यह ग्रामीण/कृषि-आधारित महिलाओं के लिए वास्तविक स्वरोज़गार उत्पन्न कर सकती है। दूसरी ओर, योजना के दीर्घकालिक प्रभाव का आकलन तभी संभव होगा जब सहायता केवल नकदी हस्तांतरण तक सीमित न रहकर प्रशिक्षण, सप्लाई-चेन और बिक्री-मार्केट तक पहुँच सुनिश्चित करे। (नोट: यहाँ विश्लेषण-भाष्य है; इससे जुड़े सरकारी व विस्तृत आंकड़ों के लिए जारी रिपोर्टों/रिलीज़ों का इंतज़ार उपयोगी होगा)।
आज के शुरुआत-घोषणा के तहत 75 लाख बिहार की महिलाओं के खातों में पहली किस्त के रूप में ₹10,000 वितरित कर दिए गए हैं और बाद में सफल उद्यमों को ₹2 लाख तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता मिलने की व्यवस्था का उल्लेख किया गया है। प्रधानमंत्री ने इस पहल को महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक सम्मान से जोड़ा और सरकार का लक्ष्य व्यापक स्तर पर ‘लखपति दीदी’ बढ़ाने का भी है।














