Thursday, October 30, 2025
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पीएम मोदी ने किया ग्लोबल इन्वेस्टर्स से आह्वान — ‘भारत के पोत परिवहन क्षेत्र में निवेश का यही सही समय’

मुंबई, 30 अक्टूबर 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वैश्विक निवेशकों से भारत के पोत परिवहन (Maritime) क्षेत्र में निवेश करने का आह्वान किया और कहा कि भारत की मजबूत नीतियों, आधुनिक बुनियादी ढांचों और जनभागीदारी के चलते इस क्षेत्र में निवेश का यह सबसे उपयुक्त समय है।

मुंबई में आयोजित इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 के दौरान प्रधानमंत्री ने डीपी वर्ल्ड, एपीएम टर्मिनल्स जैसी दुनिया की प्रमुख कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों (CEOs) से विशेष बैठक की और भारत के समुद्री क्षेत्र में विकास की संभावनाओं पर चर्चा की।

गुरुवार को अपने लिंक्डइन पोस्ट में प्रधानमंत्री ने लिखा,

“कल कई सीईओ के साथ बैठक के दौरान भारत के बंदरगाह-आधारित विकास के प्रति जो उत्साह और आशावाद देखने को मिला, उससे मुझे बेहद खुशी हुई।”


‘मुंबई का समुद्री गौरव हमारी प्रेरणा’

पीएम मोदी ने बताया कि मुंबई का भारत की समुद्री परंपरा से गहरा संबंध रहा है। उन्होंने कहा,

“छत्रपति शिवाजी महाराज की ऐतिहासिक नौसैनिक विरासत से लेकर आज के वाइब्रेंट पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर तक — मुंबई सदैव हमारे व्यापार और समुद्री प्रगति का केंद्र रहा है।”

उन्होंने इस दौरान देश-विदेश के प्रमुख हितधारकों से बातचीत की और कहा कि भारत अब वैश्विक समुद्री ताकत के रूप में उभर रहा है।


‘एक दशक में भारत का समुद्री क्षेत्र हुआ आधुनिक और आत्मनिर्भर’

पीएम मोदी ने कहा कि जब 2014 में उनकी सरकार सत्ता में आई थी, तब देश का समुद्री क्षेत्र पुराने कानूनों और सीमित क्षमताओं से जकड़ा हुआ था।

“लेकिन हमने सुधार, बुनियादी ढांचे और जनभागीदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन किए। आज यह क्षेत्र आधुनिक सुविधाओं, वैश्विक विश्वास और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन चुका है।”


11 सालों में दोगुनी हुई बंदरगाह क्षमता

प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारत की बंदरगाह क्षमता 1,400 एमएमटीपीए (MMTPA) से बढ़कर 2,762 एमएमटीपीए हो गई है।इसी अवधि में कार्गो हैंडलिंग 972 एमएमटी से बढ़कर 1,594 एमएमटी तक पहुंच गई है। जहाजों के टर्नअराउंड टाइम में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है — जो पहले 93 घंटे था, अब घटकर 48 घंटे रह गया है।इसके अलावा, बंदरगाहों का नेट सरप्लस 1,026 करोड़ रुपये से बढ़कर 9,352 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि ऑपरेटिंग अनुपात 73% से सुधरकर 43% पर आ गया है, जिससे दक्षता का एक नया युग शुरू हुआ है।


भारत — दुनिया के शीर्ष नाविक आपूर्तिकर्ताओं में शामिल

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि भारत अब वैश्विक नाविक कार्यबल (Global Seafaring Workforce) का लगभग 12% हिस्सा बन चुका है।देश का नाविक कार्यबल 1.25 लाख से बढ़कर 3 लाख से अधिक हो गया है, जिससे भारत आज दुनिया के शीर्ष तीन प्रशिक्षित नाविक आपूर्तिकर्ता देशों में शामिल है।


नौवहन शक्ति का विस्तार — तटों से नदियों तक

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की नौवहन शक्ति अब केवल तटीय क्षेत्रों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह अंतर्देशीय जलमार्गों तक फैल चुकी है।

भारतीय ध्वज वाले जहाजों की संख्या 1,205 से बढ़कर 1,549 हो गई।

बेड़े का सकल टन भार 10 MGT से बढ़कर 13.52 MGT हो गया।

तटीय माल ढुलाई 87 मिलियन टन से बढ़कर 165 मिलियन टन हुई।

अंतर्देशीय जलमार्ग माल ढुलाई में 710% की वृद्धि दर्ज हुई — जो 2014 में 18 मिलियन टन थी, अब 146 मिलियन टन हो गई है।

ऑपरेशनल जलमार्ग 3 से बढ़कर 32 हो गए हैं।

फेरी और रो-पैक्स सेवाओं ने 2024-25 में लगभग 7.5 करोड़ यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया।


‘महासागर अवसरों का पुल हैं’

प्रधानमंत्री ने अपने पोस्ट का समापन करते हुए लिखा,

“भारत की धरती चोलों और मराठों जैसी महान समुद्री सभ्यताओं की साक्षी रही है। उनकी दूरदर्शिता ने हमें यह दिखाया कि महासागर केवल सीमाएँ नहीं, बल्कि अवसरों के पुल हैं। आज का भारत उसी दृष्टि को आगे बढ़ा रहा है।”

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VIKAS TRIPATHI
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VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
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