
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद डॉ. रामगोपाल यादव ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे “बेहद निंदनीय और दुखद” करार दिया है। उन्होंने हमले में मारे गए सभी निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं।
रामगोपाल यादव ने कहा, “अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है और पहलगाम इस यात्रा का पहला बेस कैंप होता है। इसके बावजूद इतनी बड़ी आतंकी वारदात हो जाना साफ इंटेलिजेंस फेल्योर का संकेत है। सुरक्षा एजेंसियां समय रहते सतर्क नहीं हो सकीं, जो बेहद चिंताजनक है।”
उन्होंने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा, “सीमा पार से भारत में घुसपैठ कर रहे आतंकियों को किसी तरह का खौफ नहीं है। सरकार को चाहिए कि सबसे पहले पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के रास्तों को पूरी तरह ध्वस्त करे, लेकिन अफसोस है कि सरकार में वह इच्छाशक्ति ही नहीं दिखती। इस दिशा में अब तक कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं की गई।”
धार्मिक आधार पर हमला? सपा सांसद ने दी सफाई
धर्म पूछकर हमला करने के सवाल पर सपा सांसद ने कहा, “इस हमले में हिंदू ही नहीं, मुस्लिम भी मारे गए हैं। कुछ लोग इस घटना को भी सांप्रदायिक चश्मे से देख रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। जब तक हम आतंकवाद के खिलाफ एकजुट नहीं होंगे, तब तक इससे छुटकारा नहीं मिल सकता।”
उन्होंने कहा, “सरकार आतंकवाद के खात्मे को लेकर गंभीर नहीं दिखती। अगर हमारी जगह कोई और देश होता, तो अब तक ठोस सैन्य कार्रवाई करके आतंकवाद की जड़ें उखाड़ चुका होता।”
पाकिस्तान से बातचीत का कोई मतलब नहीं: रामगोपाल यादव
पाकिस्तान से बातचीत की संभावना पर सपा नेता ने स्पष्ट कहा, “बातचीत से अब कोई रास्ता नहीं निकलने वाला। यह हमला अनुच्छेद 370 से नहीं जुड़ा है, बल्कि इसके पीछे सीधा आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली पाकिस्तान सरकार है, जो किसी से छिपा नहीं है।”
रॉबर्ट वाड्रा के बयान पर जताई नाराज़गी
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए रामगोपाल यादव ने कहा, “उनका बयान गैर-जिम्मेदाराना है और मैं इससे सहमत नहीं हूं। इस तरह की टिप्पणियां आमतौर पर सोशल मीडिया पर देखने को मिलती हैं। किसी जिम्मेदार व्यक्ति को इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए।”
सपा की मांग – “जरूरत पड़े तो सेना भेजें पीओके”
अंत में उन्होंने सपा का रुख स्पष्ट करते हुए कहा, “सरकार को चाहिए कि वह आतंकवाद के खिलाफ कड़ा एक्शन ले। जरूरत पड़ी तो भारतीय सेना को पीओके में भेजकर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया जाए। अब वक्त कार्रवाई का है, बयानबाज़ी का नहीं।”