बिहार — विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने आज आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के मानदेय में बड़ा इजाफा करते हुए आयगी: आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय 7,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये तथा आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 4,000 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये कर दिया गया है। इस फैसले की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के माध्यम से साझा की।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि राज्य सरकार बच्चों व गर्भवती महिलाओं के पोषण और जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण मानती है। उन्होंने कहा कि इन कर्मियों के समर्पण और कार्य के सम्मान में राज्य ने उनके मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय लिया है और संबंधित विभाग को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
सरकार के अनुसार, यह कदम समेकित बाल विकास परियोजना के तहत दी जाने वाली सेवाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाने का भी हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि 2005 के बाद से राज्य सरकार ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पोषण व स्वास्थ्य में सुधार के लिए निरंतर पहल की हैं और आंगनबाड़ी केंद्र इन पहलों को जमीनी स्तर पर लागू करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि मानदेय वृद्धि लागू होते ही भुगतान प्रारूप और संबंधित प्रक्रिया में आवश्यक संशोधन किए जाएँगे ताकि यह वृद्धि शीघ्रता से लाभार्थियों तक पहुँच सके। सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे समेकित बाल विकास सेवाओं के सुचारू संचालन और मानदेय वृद्धि के प्रभावशील प्रवर्तन पर विशेष ध्यान दें।
विशेष टिप्पणी: राज्य सरकार का यह कदम विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आया है, जब विभिन्न निर्णयों के जरिये लाभार्थियों तक संवेदनशील घोषणाएँ की जा रही हैं। मानदेय वृद्धि से आंगनबाड़ी कर्मियों का मनोबल बढ़ने की उम्मीद है जिससे बच्चों व माताओं के लिए दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।