गाजीपुर। गाजीपुर पुलिस लाइन सभागार में नए आपराधिक कानूनों (NCL 2.0) के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया।इस कार्यशाला की अध्यक्षता अपर पुलिस अधीक्षक नगर, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण तथा अभियोजन अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से की गई।कार्यक्रम में जिले के सभी क्षेत्राधिकारी, थाना प्रभारी, उपनिरीक्षक, अभियोजन अधिकारी एवं अन्य पुलिसकर्मी उपस्थित रहे।कार्यशाला में अधिकारियों ने नए आपराधिक कानूनों — भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) — की प्रमुख विशेषताओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि ये तीनों नए कानून देश की न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी, त्वरित और जनकेंद्रित बनाएंगे।कार्यशाला के दौरान ‘शून्य एफआईआर’ की अवधारणा पर विशेष रूप से चर्चा की गई, जिसके तहत अब किसी भी थाने में बिना क्षेत्राधिकार की बाध्यता के शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। साथ ही ई-एफआईआर प्रणाली, समयबद्ध न्याय प्रक्रिया, महिला एवं बाल संरक्षण प्रावधानों, फोरेंसिक साक्ष्य के उपयोग और पीड़ित-केंद्रित प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी गई।अपर पुलिस अधीक्षक नगर ने कहा कि नए कानूनों में प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक सरल एवं पारदर्शी बनाएगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन नए कानूनों की जानकारी न केवल प्रत्येक पुलिसकर्मी तक बल्कि आम नागरिकों तक भी पहुँचाएँ, ताकि इनके प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके।
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने अपने संबोधन में कहा कि ये नए कानून जनसुलभ एवं न्यायोन्मुख न्याय प्रणाली की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे इन कानूनों की भावना को समझते हुए इन्हें व्यवहारिक रूप से लागू करें, ताकि गाजीपुर जनपद कानून-व्यवस्था के क्षेत्र में आदर्श उदाहरण बन सके।
कार्यशाला के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें पुलिसकर्मियों ने नए कानूनों से जुड़े प्रश्न पूछे और अधिकारियों ने उनके समाधान दिए।कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों ने नए आपराधिक कानूनों के सफल क्रियान्वयन का संकल्प लिया।














