
Maharashtra News: महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने शुक्रवार (20 दिसंबर) को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उन संगठनों की सूची साझा करने की मांग की, जिन्हें उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल होने वाले ‘शहरी नक्सली’ करार दिया था।
यह मांग ऐसे समय में आई जब CM फडणवीस ने विधानसभा में आरोप लगाया कि राहुल गांधी की अगुवाई में हुई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में कुछ ऐसे संगठन शामिल हुए थे, जिन्हें कांग्रेस-एनसीपी सरकार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की केंद्र सरकार द्वारा ‘शहरी नक्सलियों के मुखौटा संगठन’ के रूप में चिन्हित किया गया था।
फडणवीस के गंभीर आरोप
मुख्यमंत्री फडणवीस ने दावा किया कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से जुड़े 180 संगठनों में से 40 संगठनों को ‘शहरी नक्सली’ के तौर पर पहचाना गया था। उन्होंने यह भी कहा कि ये संगठन पूर्व में राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार और कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के लिए प्रचार कर चुके हैं।
2012 में, दिवंगत बीजेपी नेता गिरीश बापट द्वारा पुणे में कथित नक्सली प्रशिक्षण केंद्र पर सवाल उठाए जाने के बाद, तत्कालीन गृह मंत्री आर.आर. पाटिल ने 48 संगठनों की सूची जारी की थी, जिन्हें ‘शहरी नक्सली’ घोषित किया गया था।
नाना पटोले का पलटवार
नाना पटोले ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा,
“महाराष्ट्र में कई सामाजिक संगठन गरीबों और आम जनता के कल्याण के लिए काम करते हैं। इन संगठनों के साथ-साथ कई बुद्धिजीवियों ने लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में भाग लिया था। इन संगठनों को ‘शहरी नक्सली’ कहना न केवल अनुचित है बल्कि उनके कार्यों को अपमानित करना भी है।”
पटोले की मांग
नाना पटोले ने मुख्यमंत्री फडणवीस से स्पष्ट शब्दों में अनुरोध किया:
“आपने कहा कि ये संगठन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नक्सलियों के लिए काम करते हैं। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इन संगठनों और उनके प्रमुखों की सूची मुझे उपलब्ध कराएं।”
‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर बढ़ा विवाद
राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पहले से ही राजनीतिक चर्चाओं और आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र रही है। फडणवीस के ताजा बयान ने इस यात्रा को लेकर विवाद और गहरा दिया है। कांग्रेस ने इसे जन आंदोलनों और सामाजिक कल्याण के लिए काम करने वाले संगठनों को बदनाम करने की साजिश बताया है।
क्या है ‘शहरी नक्सली’ का विवाद?
‘शहरी नक्सली’ शब्द का उपयोग उन व्यक्तियों और संगठनों के लिए किया जाता है, जो कथित रूप से नक्सल विचारधारा का समर्थन करते हैं या उनके लिए काम करते हैं। महाराष्ट्र सरकार के इस संदर्भ में उठाए गए कदम और लगाए गए आरोपों ने कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक टकराव को और बढ़ा दिया है।
निष्कर्ष
नाना पटोले की मांग और CM फडणवीस के आरोपों ने एक बार फिर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को विवादों के घेरे में ला दिया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मुख्यमंत्री इन संगठनों की सूची साझा करते हैं या नहीं, और इस मुद्दे पर महाराष्ट्र की राजनीति किस दिशा में जाती है।