बिहार में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने के वादे को पूरा करने की दिशा में नीतीश सरकार ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। नई सरकार के गठन के तुरंत बाद ही राज्य में विभिन्न विभागों में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है।
सरकार ने सभी प्रशासी विभागों, प्रमंडलीय आयुक्तों, पुलिस मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले कार्यालयों और सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि 31 दिसंबर तक रिक्त पदों से संबंधित अधियाचना सामान्य प्रशासन विभाग को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं। इसके बाद विभाग इन अधियाचनाओं की जांच कर उन्हें विभिन्न नियुक्ति आयोगों को भेज देगा।
2026 में जारी होगा भर्ती कैलेंडर
सरकार ने सभी नियुक्ति आयोगों एवं चयन एजेंसियों को निर्देश दिया है कि जनवरी 2026 में पूरे वर्ष का भर्ती कैलेंडर प्रकाशित किया जाए। इस कैलेंडर में विज्ञापन प्रकाशन की तारीख, परीक्षा की संभावित अवधि और अंतिम परिणाम घोषित करने की तारीख स्पष्ट रूप से दर्ज होगी।
निर्देश में यह भी कहा गया है कि चाहे परीक्षा के कितने भी चरण हों, विज्ञापन जारी होने से लेकर अंतिम परिणाम आने तक की अवधि 1 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
5 वर्षों में 1 करोड़ नौकरी और रोजगार का लक्ष्य
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगले पांच साल में बिहार में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार की प्राथमिकता शुरू से ही युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराना रही है।
उन्होंने कहा कि सात निश्चय-2 कार्यक्रम के तहत वर्ष 2020 से 2025 के बीच 50 लाख युवाओं को नौकरी एवं रोजगार दिया जा चुका है। अब अगले चरण में अगले 5 वर्षों में यह संख्या दोगुनी की जाएगी।
बिहार बनेगा टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री हब
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की आबादी में युवाओं की संख्या बहुत अधिक है और यदि इस ऊर्जा को सही दिशा दी गई तो बिहार देश के सबसे तेजी से विकसित होने वाले राज्यों में शामिल हो सकता है।
इसे ध्यान में रखते हुए सरकार बिहार को पूर्वी भारत का प्रमुख टेक्नोलॉजी हब बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसके तहत राज्य में—
डिफेंस कॉरिडोर
सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स
मेगा टेक सिटी
फिनटेक सिटी
जैसी परियोजनाओं की स्थापना की जाएगी और राज्य में उद्योगों का व्यापक नेटवर्क तैयार किया जाएगा।
नीतीश सरकार की यह पहल यदि तय समय पर लागू होती है तो बिहार में युवाओं के लिए बड़ी रोजगार क्रांति संभव है, जो राज्य की आर्थिक स्थिति और औद्योगिक विकास को नई दिशा दे सकती है।














