Tuesday, July 1, 2025
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ISI की जड़ें कोलकाता तक! पहलगाम हमले से जुड़े CRPF जवान मोती राम जाट की गिरफ्तारी के बाद NIA के सनसनीखेज खुलासे

नई दिल्ली/कोलकाता
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की भारत में साजिशों का जाल कितना गहरा और दूर तक फैला हुआ है, इसका एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दावा किया है कि पाकिस्तान ने कोलकाता को आतंक के वित्तीय लेन-देन का ट्रांजेक्शन हब बना रखा है। हाल ही में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए CRPF जवान मोती राम जाट के केस से जुड़े इन खुलासों ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है।

कोलकाता से हो रहा है आतंकियों का फंडिंग नेटवर्क संचालित

जांच में सामने आया है कि पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए कोलकाता को चुना गया है। मोती राम जाट और पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के बीच वित्तीय लेन-देन के कई सबूत एनआईए को कोलकाता में मिले हैं। एजेंसी ने शहर में कई संदिग्ध स्थानों की पहचान की है जहां से ये ट्रांजेक्शन हुए।

दो साल से कर रहा था जासूसी, पहलगाम हमले से पहले ट्रांसफर

CRPF जवान मोती राम जाट को कुछ दिन पहले दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। उसकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में थी और हमला होने से कुछ दिन पहले ही उसका ट्रांसफर किया गया था। जांच में सामने आया कि वह पिछले दो वर्षों से ISI के लिए जासूसी कर रहा था

एनआईए का मानना है कि उसे जासूसी के बदले पैसे भेजे गए थे। खास बात यह है कि लेन-देन की जानकारी एक मोमिनपुर स्थित दुकान से मिली, जहां NIA ने शनिवार को छापा मारा था।

22 अप्रैल को पहलगाम में 26 लोगों की हत्या, हो सकता है जाट ने मदद की हो

22 अप्रैल को आतंकियों ने पहलगाम में 26 लोगों की हत्या कर दी थी। एनआईए को शक है कि मोती राम जाट ने हमले से पहले आतंकियों को महत्वपूर्ण सूचनाएं दी थीं, जिससे उनकी योजना सफल हो सकी। छापेमारी के दौरान एजेंसी ने दुकान से CCTV फुटेज भी जब्त की है और आने-जाने वालों की जांच की जा रही है।

छोटे ट्रांजेक्शन, बड़े इरादे – ISI की नई रणनीति

NIA अधिकारियों के मुताबिक, मोती राम जाट के बैंक खातों में कई संदिग्ध ट्रांजेक्शन पाए गए हैं –

  • 25 मार्च को ₹22,000
  • अन्य बार ₹13,500, ₹15,000 और ₹5,000 की रकम
    जांच एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि ये पैसे किस स्रोत से भेजे गए थे

सूत्रों के अनुसार, ISI ने छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन के जरिए बड़े लेन-देन को छुपाने की रणनीति अपनाई, ताकि भारतीय जांच एजेंसियों को शक न हो।

पूर्व सैनिक भी शक के घेरे में

एनआईए ने टॉपसिया के एक होटल में काम करने वाले मोहम्मद वकील से भी पूछताछ की है, जो मूल रूप से एंटाली का रहने वाला है और पूर्व में सेना में कार्यरत रह चुका है। जांच में सामने आया है कि वकील और जाट के बीच ई-वॉलेट ट्रांजेक्शन हुए हैं, जो संदेह के घेरे में हैं।

15 जगहों पर एक साथ छापेमारी, जासूसी नेटवर्क के तार खंगालने में जुटी एनआईए

एनआईए ने शनिवार को कोलकाता के 15 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की। इन सभी जगहों पर जाट के संपर्क होने के सबूत मिले हैं। हर ट्रांजेक्शन, कॉल डिटेल, और फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है।

निष्कर्ष: देश के भीतर घुसपैठ का खतरनाक मॉडल

CRPF जैसे सुरक्षा बल में तैनात जवान का पाक एजेंसी से जुड़ना, और कोलकाता जैसे शहर को आतंक की फंडिंग का हब बनाना, देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। यह मामला केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उस संगठित साजिश का हिस्सा है जो भारत को भीतर से कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
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