नई दिल्ली। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी ही पार्टी के शब्द-शिल्पी शशि थरूर पर चुटकी लेते हुए कहा है कि कांग्रेस के लिए हमेशा देश सर्वोपरि है, जबकि कुछ लोगों के लिए मोदी जी पहले हैं। खरगे के इस व्यंग्य बाण से साफ है कि थरूर का हालिया मोदी-गान कांग्रेस में किसी रास नहीं आ रहा।
दरअसल, मामला है थरूर के उस लेख का, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की वैश्विक ताकत पर गहराई से लिखा और पीएम मोदी को “ऊर्जा से भरपूर,” “गतिशील,” और “अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का प्राइम एसेट” बता डाला। बस फिर क्या था — कांग्रेस आलाकमान में हड़कंप मच गया।
खरगे बोले — अंग्रेज़ी से तो मैं दूर ही हूँ!
खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तंज कसते हुए कहा, “थरूर जी की अंग्रेजी तो कमाल है, हमारी तो ठीक से पढ़ी भी नहीं जाती! इसीलिए तो उन्हें कांग्रेस वर्किंग कमेटी में लिया है ताकि हमारी शोभा बढ़े।” फिर एक मीठी चुटकी लेते हुए बोले, “लेकिन एक बात तो है — हमारे लिए देश पहले है, कुछ लोगों के लिए मोदी पहले है। अब हम क्या कर सकते हैं?”
खरगे यहीं नहीं रुके, कह डाला कि, “जो लिखना जानता है, वही लिखेगा। हम ज्यादा माथा-पच्ची नहीं करते, हमें तो देश बचाना है।” मतलब साफ था कि थरूर के लेखन से कांग्रेस को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।
थरूर की सफाई — मैं तो बस एकता का संदेश दे रहा था!
इधर, थरूर मास्को में बैठकर सफाई दे रहे थे कि उनका लेख मोदी जी के पार्टी में शामिल होने का इशारा नहीं था, बल्कि बस राष्ट्रीय एकता पर उनका दिली विचार था। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने तुरंत पल्ला झाड़ते हुए कहा कि, “ये उनकी निजी राय है, कांग्रेस का इससे कुछ लेना-देना नहीं है। हमारे विचार तो प्रमाण-आधारित होते हैं!”
वैसे, इस पूरे प्रकरण से साफ है कि जब कांग्रेस मोदी सरकार की विदेश नीति पर लगातार हमलावर है, तब थरूर साहब के ऐसे लेख से कांग्रेस नेताओं को भी समझ नहीं आ रहा कि हंसें या रोएं।