नई दिल्ली, 11 जुलाई 2025 — भारतीय लोकतंत्र के भविष्य को दिशा देने वाले दो अहम विधेयकों पर चर्चा के लिए आज संसद में दो महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की जा रही हैं। इनमें से पहली बैठक “एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर गठित संयुक्त संसदीय समिति की है, जबकि दूसरी बैठक राज्यसभा की गृह मामलों की स्थायी समिति द्वारा साइबर अपराध पर केंद्रित की गई है।
“एक राष्ट्र, एक चुनाव” पर संविधान संशोधन विधेयक की समीक्षा
शुक्रवार सुबह 11 बजे से शुरू हो रही संयुक्त समिति की बैठक में संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश विधि (संशोधन) विधेयक, 2024 के प्रावधानों पर विधायी, प्रशासनिक और संवैधानिक पहलुओं की गहन समीक्षा की जाएगी।
बैठक की खास बात यह है कि इसमें भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर अपनी विधिक राय और दृष्टिकोण समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा संवैधानिक विशेषज्ञों, पूर्व चुनाव आयुक्तों और विधायी विशेषज्ञों से भी व्यापक विमर्श की योजना है।
सरकार की मंशा है कि लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएं, जिससे:
चुनावी खर्च में कटौती
प्रशासनिक मशीनरी की दक्षता
नीति निर्माण में निरंतरता और स्थिरता
जैसे लक्ष्य पूरे किए जा सकें।
साइबर अपराध पर गृह समिति की रणनीतिक बैठक
इसी दिन आयोजित होने वाली दूसरी प्रमुख बैठक राज्यसभा की गृह मामलों पर स्थायी समिति की होगी, जिसमें “साइबर अपराध: प्रभाव, सुरक्षा और रोकथाम” पर दो सत्रों में गहन विमर्श किया जाएगा।
पहला सत्र: वित्तीय साइबर सुरक्षा
SEBI, NSE और NPCI जैसे शीर्ष वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि साइबर खतरों और उनकी प्रतिक्रिया रणनीतियों पर प्रस्तुति देंगे।
NCIIPC (नेशनल क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर) और NIC (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) भी बुनियादी ढांचे की सुरक्षा, डेटा सुरक्षा और नई टेक्नोलॉजी चुनौतियों पर अपने विचार साझा करेंगे।
दूसरा सत्र: डिजिटल साक्षरता और भविष्य की रणनीति
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) साइबर फ्रॉड से निपटने की मौजूदा रणनीति और सुधार योजनाएं साझा करेगा।
शिक्षा मंत्रालय और C-DAC (Centre for Development of Advanced Computing) डिजिटल साक्षरता, साइबर जागरूकता और शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा उपायों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
सारांश: आज का दिन विधायी विमर्श के लिए ऐतिहासिक
आज की दोनों बैठकों को मिलाकर यह कहा जा सकता है कि भारतीय संसद एक ही दिन में देश के दो सबसे गंभीर और आधुनिक विषयों—चुनावी सुधार और साइबर सुरक्षा— पर विचार कर रही है।
एक ओर लोकतंत्र को अधिक प्रभावशाली और व्यावहारिक बनाने का प्रयास हो रहा है।
दूसरी ओर, डिजिटल युग की सबसे बड़ी चुनौती—साइबर अपराध—से निपटने के लिए ठोस नीति की नींव रखी जा रही है।