नोएडा। कन्हैया मित्तल के भजन कार्यक्रम का मंच तो पारंपरिक था — रंग, रोशनी और भक्तों की मौजूदगी। पर इस बार त्यौहार की थाप के बीच जो सबसे ज़्यादा गूंजा, वह कोई भजन नहीं बल्कि उस साउंड इंजीनियर की आवाज़ थी जिसने मंच पर खुलकर ‘कमीशन की हक़ीक़त’ बयां कर दी।
कार्यक्रम के दौरान मित्तल बार-बार साउंड टीम को निर्देश दे रहे थे — “वॉल्यूम थोड़ा कम, इको हटाओ, बास बढ़ा दो।” शुरुआत में साउंड टीम चुप बैठकर काम कर रही थी, पर जब टिप्पणी लगातार बढ़ी और तंज़ भी गहरे हुए, तो सहन की सीमा टूट गई। उसी क्षण साउंड इंजीनियर “अश्विनी” ने माइक पकड़ा और कहा —
“जब हमें 25 हज़ार कमीशन देकर काम दिलवाते हो, तब क्या मंच से भी यही सीख दी जाती है?”
यह वाकया तुरन्त ही माहौल बदल गया। भजन-प्रेमी हैरान, कुछ लोग गुस्से और हंसी के मिले-जुले भाव में रुके रहे, और सोशल मीडिया ने तो मानो यह क्लिप पाकर चाबी मिल गई हो — रील बनती चली गई।
क्या है असल मामला (संरचित रूप में)
कुछ आयोजकों के बीच यह आरोप है कि इवेंट-बुकिंग और साउंड-सप्लाय के मामले में कमीशन की प्रथा है — साउंड ठेकेदारों को कार्यक्रम दिलवाने के बदले में पैसे का लेन-देन होता है।
सूत्र बताते हैं कि इसी बार भी साउंड वाले से पहले ही 25 हज़ार रुपये लिया गया था — और मंच पर जब साउंड की बात उठी तो वह खुलकर बोल गया।
#Noida में @KANHIYAMITTAL30 कन्हैया मित्तल का कार्यक्रम चर्चा में
साउंड वाले को मंच से लगातार ज्ञान दिया, तो भाई ने वहीं बोल दिया
“25 हज़ार कमीशन लेते वक़्त तो याद नहीं आया,अब मंच पर हनक दिखा रहे हैं
माहौल गर्म,सोशल मीडिया पर खूब वायरल!#KanhaiyaMittal #Noida #Viral pic.twitter.com/8nRF3e80pZ
— PARDAPHAAS NEWS (@pardaphaas) August 31, 2025
भीड़ और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
दर्शक अलग-अलग रिएक्शन देने लगे — कुछ ने साउंड वाले की बहादुरी की तारीफ़ की, तो कुछ ने कहा कि ऐसे आरोप मंच पर नहीं उठाने चाहिए।
सोशल प्लेटफॉर्म्स पर शेयर हुए कमेंट्स में से कुछ मज़ेदार थे: “माइक का पल्ला पकड़कर सच बोल दिया!” और कुछ निंदक: “भजन सभा नहीं, खुला ऑडिट चल पड़ा।”
व्यंग्यात्मक टिप्पणी
जहाँ भजन मंच पर श्रद्धा जगाते हैं, वहीं इस बार ‘श्रद्धा बनाम साउंड’ की दौड़ निकल आई — और साउंड ने साबित कर दिया कि कभी-कभी माइक भगवान भी बन जाता है: जिस पर जो बोले, वही गूंजता है। भक्तगण अब सोच रहे हैं — अगली बार टिकट लेते समय ‘भजन + कमीशन डिस्क्लोज़र’ भी देख लेना चाहिए।
नोट: यह रिपोर्ट आरोपों और स्थानीय सूत्रों पर आधारित है;