
US-Pakistan Relations : अमेरिका और पाकिस्तान के बीच दशकों पुराने दोस्ताना संबंधों के बावजूद, हालिया घटनाक्रम ने दोनों देशों के रिश्तों में खटास ला दी है। 1971 के भारत-पाक युद्ध में अमेरिका ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए अपना घातक सातवां बेड़ा भेजा था, लेकिन अब स्थिति उलट है। पेंटागन के मुताबिक, पाकिस्तान अमेरिका पर हमला करने के लिए लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल तैयार कर रहा है।
पेंटागन का आकलन और प्रतिबंध
अमेरिका के रक्षा विभाग ने कहा है कि पाकिस्तान अब उन विरोधी देशों की सूची में शामिल होने की कोशिश कर रहा है, जिनके पास अमेरिका पर सीधे हमला करने की क्षमता है। अभी तक यह क्षमता केवल रूस, चीन और उत्तर कोरिया के पास है।
पाकिस्तान का लंबी दूरी का बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम अमेरिका के हितों के खिलाफ है। इसी वजह से अमेरिका ने पहली बार पाकिस्तान सरकार के नेशनल डेवेलपमेंट कॉम्प्लेक्स (NDC) और इससे जुड़ी तीन कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, NDC ने बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च उपकरणों के लिए आवश्यक सामग्री हासिल करने की कोशिश की है।
पाकिस्तान पर उभरते खतरे का आरोप
अमेरिका के प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस कार्यक्रम में पाकिस्तान की मिसाइल गतिविधियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “अगर यह ट्रेंड जारी रहा, तो पाकिस्तान न केवल दक्षिण एशिया बल्कि अमेरिका पर भी हमला करने की क्षमता हासिल कर लेगा। यह अमेरिका के लिए एक उभरता हुआ खतरा है।”
दक्षिण एशिया में बदलते समीकरण
इस साल 2024 में दक्षिण एशिया में सैन्य शक्ति को लेकर बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार करते हुए कई नई मिसाइलों का परीक्षण किया है, जिसमें चीन को मुख्य रूप से ध्यान में रखा गया है। वहीं, आर्थिक संकट के बावजूद पाकिस्तान भी अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में जुटा हुआ है।
भारत के पास पहले से ही पाकिस्तान के किसी भी हिस्से पर हमला करने की क्षमता है। अब भारत अग्नि-5 और पनडुब्बी से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें विकसित कर रहा है, जो चीन के खिलाफ रणनीतिक कदम माने जा रहे हैं।
चीन के दबदबे के बीच बढ़ता तनाव
विशेषज्ञों का मानना है कि दक्षिण एशिया में हथियारों की दौड़ और चीन की बढ़ती सैन्य ताकत ने भारत और पाकिस्तान को अपनी क्षमताएं बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। हालांकि, अमेरिका द्वारा पाकिस्तान पर लगाए गए प्रतिबंध से यह साफ है कि क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में बड़ा बदलाव हो सकता है।