Wednesday, October 8, 2025
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GST 2.0: पीएम मोदी का बड़ा ऐलान — “कल से देश में GST बचत उत्सव”; 5%-18% का दो-स्लैब मॉडल, सैकड़ों वस्तुएँ सस्ती होंगी

नई दिल्ली— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवरात्रि की पूर्व संध्या पर राष्ट्र से सीधे संबोधित करते हुए कहा कि “नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स” कल, यानी 22 सितंबर (सूर्योदय से) लागू हो रहे हैं और सरकार इसे एक देशव्यापी GST बचत उत्सव के रूप में मना रही है। उन्होंने इस कदम को आत्मनिर्भरता और आम आदमी के लिए राहत से जोड़ा।

नीचे इस फैसले के सबसे अहम पहलू, जनता-व्यापी असर, कारोबार के लिए जरूरी जानकारी और शुरुआती प्रतिक्रियाएँ विस्तार से दी जा रही हैं — स्रोतों के साथ।

क्या बदला — मुख्य बिंदु (संक्षेप में)

सरकार ने जीएसटी के मुख्य स्लैबों को समेकित करते हुए प्राथमिक रूप से 5% और 18% दो-स्लैब मॉडल लागू करने का निर्णय लिया है; कुछ–कुछ उच्च-श्रेणी के वस्तुओं पर अलग (बहुत ऊँचा) दर भी रखी जा सकती है। इस बदलाव का उद्देश्य रोजमर्रा की उपभोग योग्य वस्तुओं को सस्ता बनाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुधार उपभोक्ता-खर्च और घरेलू मांग को प्रोत्साहित करेगा और अर्थव्यवस्था की ग्रोथ स्टोरी को तेज़ करेगा।

सरकार के अंदेशे के मुताबिक़—पिछले कुछ निर्णयों के साथ—यह कदम लगभग ₹2.5 लाख करोड़ की कुल वार्षिक बचत के बराबर प्रभाव पैदा करेगा।

कौन-कौन सी चीजें सस्ती होंगी — उदाहरण और शुरुआती असर

सरकारी और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सैकड़ों वस्तुओं के कर घटाने की घोषणा की गई है; कुछ लाइव-उदाहरण मीडिया पर रिपोर्ट हुए ही सामने आ रहे हैं:

डेयरी उत्पादों — को-ऑपरेटिव्स जैसे Amul, KMF ने ऐलान किया कि कई बटर, पनीर, घी व अन्य डेयरी वस्तुओं की कीमतें 22 सितंबर से घटा दी जाएँगी (कंपनियों का कहना है कि जीएसटी कटौती का लाभ पूरा-पूरा उपभोक्ता तक पहुँचाया जा रहा है)।

दैनिक आवश्यक खाद्य वस्तुएँ, रोटी-रुपी बैकरी-आइटम आदि और कुछ पैकेज्ड उत्पाद अब शून्य-GST या 5% शेड्यूल में आ सकते हैं — सूचियों की विस्तृत तालिका मीडिया में प्रकाशित हुई है।

लाइफ़-सेविंग दवाएँ और कुछ विशेष मेडिकल सप्लाई पर भी कर में ढील देने के निर्देश दिए गए हैं — इससे दवाओं की कीमतों पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।

व्यवहारिक असर — उपभोक्ता, थोक-रिटेल और इनवॉइसिंग

उपभोक्ता: रोजमर्रा की चीज़ों की कीमतें घटने से घरेलू बजट पर तुरंत राहत मिलने की उम्मीद है; खरीद-शक्ति बढ़ने की सम्भावना।

दुकानदार/रिटेलर्स: बिलिंग/इनवॉइसिंग सॉफ्टवेयर, ई-वे बिल व POS सेटिंग्स को नई दरों के अनुरूप महीं अपडेट करना होगा—कई व्यापारियों ने यह काम पहले ही आरम्भ कर दिया है।

कम्पनियाँ: मूल्य-निर्धारण पॉलिसी में समायोजन और स्टॉक-कीमतों पर री-प्राइसिंग चल रही है; कुछ दिग्गज ब्रांडों ने कीमतें घटाने की घोषणा कर दी है।

सरकार का संदेश और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

पीएम ने अपने संबोधन में ‘स्वदेशी’ खरीदने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने का आह्वान भी किया — कहा कि यही देश की समृद्धि की कुंजी है। केंद्रीय संदेश था: जीएसटी सुधारों के साथ ‘मेड-इन-इंडिया’ को प्रोत्साहन।

वहीं विपक्ष और कुछ अर्थशास्त्री-विश्लेषक सावधानी सूचित कर रहे हैं — वे पूछते हैं कि क्या यह कटौती राजस्व-खोखलेपन (fiscal deficit) की ओर ले जाएगी और दीर्घकालिक वित्तीय स्थायित्व पर क्या असर पड़ेगा। लाइव कवरेज़ में विपक्ष ने पीएम के दावों पर भी तंज किए हैं।

बाजार-प्रतिक्रिया (प्रारम्भिक संकेत)

कुछ उपभोक्ता-ब्रांड और को-ऑपरेटिव्स ने तुरंत कीमतें घटाने का एलान किया (उदा. Amul, KMF)। इससे बाजारों में सकारात्मक भाव और उपभोक्ता उत्साह का संकेत मिला।शेयर-बाजार और रिटेल सेक्टर पर अल्पकालिक प्रभाव संभव है; अर्थ-विशेषज्ञ इसे उपभोग-उत्साह बढ़ाने वाली पहल के रूप में देख रहे हैं, पर राजस्व इम्पैक्ट पर निगरानी जारी रहेगी।

आम नागरिक और दुकानदार — क्या करें (प्रैक्टिकल गाइड)

बी‌ल और इनवॉइस देखें: खरीदते समय बिल पर नया जीएसटी रेट और बचत का विवरण देखें — रिटेलर्स को कटौती का लाभ ग्राहक तक पहुँचाना अनिवार्य है।

सॉफ्टवेयर अपडेट: दुकानदार-व्यापारी अपने बिलिंग/आईटी-सिस्टम को अपटूडेट रखें; GSTR-निर्यण व ई-वे-बिल नियमों पर ध्यान दें।

किसी आइटम पर संदेह हो तो आधिकारिक नोटिफिकेशन देखें: केंद्र/राज्य या GST Council का आधिकारिक नोटिफिकेशन अंतिम मान्य होगा।

आगे क्या देखने को मिलेगा — टाइमलाइन और निगरानी

22 सितंबर (सूर्योदय) से नई दरें प्रभावी। उपभोक्ता और व्यापारी अगले कुछ दिनों में नई कीमतें और राहत का अनुभव करेंगें; सरकार संबंधित कार्य-समूह के जरिए क्रियान्वयन मॉनिटर करेगी।

केंद्र और राज्य मिलकर दुकानदारों और निगमों को आवश्यक तकनीकी दिशानिर्देश जारी कर रहे हैं—इन निर्देशों का पालन व्यापारियों के लिये अनिवार्य होगा।

प्रधानमंत्री के समेकित जीएसटी सुधारों का तात्कालिक उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत देना और घरेलू मांग को पुनरज़िंदगी देना है — इसे सरकार ने त्योहारी माहौल में ‘GST बचत उत्सव’ के रूप में पेश किया। शुरुआती संकेत बताते हैं कि डेयरी और रोजमर्रा की कई वस्तुओं की कीमतों में गिरावट ग्राहकों तक पहुंचनी शुरू हो चुकी है। परन्तु दीर्घकालिक आर्थिक प्रभाव और राजस्व-स्थिरता पर नजर रखना आवश्यक होगा — सरकार, राज्यों और उद्योग के बीच समन्वय इसे तय करेगा।

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
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