रामगढ़ (नेमरा) — झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं दिशोम गुरु शिबु सोरेन के श्रद्धांजलि-सम्बंधी संस्कार भोज का आयोजन उनके पैतृक गांव नेमरा (गोला प्रखंड) में भव्य व्यवस्था के साथ किया गया। समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ अति-विशिष्ट अतिथि तथा लाखों की संख्या में आम श्रद्धालु शामिल हुए। प्रशासन ने कार्यक्रम की सहेज-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए थे।
मुख्य आकर्षण — 12 प्रकार के पारंपरिक पकवान और गुरुजी की पसंदीदा पकौड़ी
संस्कार भोज में आने वाले आम और विशिष्ट अतिथियों के लिये कुल 12 तरह के व्यंजन परोसे गए — जिनमें दाल, चावल, पूड़ी, आलू-परवल की सब्जी, मिक्स वेज, मछली-फ्राई, मटन, दही, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, बूंदीया, पापड़ व सलाद आदि शामिल थे। विशेष रूप से गुरु शिबु सोरेन की पसंद की पकौड़ी भी बनाई गई थी। शाकाहारी और मांसाहारी आगंतुकों के लिये अलग-अलग भोजन व्यवस्था रखी गई थी।
भीड़ और पंडाल व्यवस्था
सुबह 11 बजे के बाद ही सार्वजनिक भोजन का सिलसिला शुरू हुआ और देर रात तक चलता रहा। तीन बड़े पंडाल बनाए गए थे—प्रत्येक में एक साथ लगभग 5,000 से अधिक लोगों के बैठकर भोजन करने की सुविधा थी। आयोजकों ने बताया कि कुल मिलाकर लगभग 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के बैठने-खाने और अन्य व्यवस्थाओं का अनुमानित प्रबंध किया गया था।
सुरक्षा-व्यवस्था और लॉजिस्टिक्स
समारोह स्थल पर शांति व सुरक्षा बनाए रखने के लिए व्यापक पुलिस तैनाती की गई थी। सुरक्षा में 10 आईपीएस अधिकारी, 60 डीएसपी, 65 इंस्पेक्टर और करीब 2,500 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल रहे। भीड़-प्रबंधन व समन्वय के लिए धूमकुड़िया केंद्र में एक पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित किया गया। आगंतुकों की सुविधा हेतु पार्किंग से आयोजन स्थल तक परिवहन के लिए 300 से अधिक ई-रिक्शा उपलब्ध कराए गए थे, साथ ही बायो-टॉयलेट व पेयजल-व्यवस्था की भी समुचित व्यवस्था की गई थी।
प्रदेश और सीमापार से पहुँची श्रद्धा
गुरु शिबु सोरेन की लोकप्रियता का प्रमाण यह रहा कि उनका अंतिम संस्कार तथा संस्कार भोज केवल झारखंड के 24 जिलों से ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्यों—पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और बिहार से भी बड़ी संख्या में लोग श्राद्ध में शामिल होने के लिए नेमरा पहुंचे। हर वर्ग के लोग सुबह से देर रात तक लाइन में लगकर भोजन ग्रहण करते रहे और श्रद्धांजलि अर्पित की।
हेमंत सोरेन का स्थानीय स्तर पर समन्वय
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहे; वे बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं और अधिकारियों से मिलकर व्यवस्थाओं की जानकारी लेते रहे। हेमंत सोरेन ने अपने पिता को मुखाग्नि देने के बाद से अब तक नेमरा में रहकर पारंपरिक रीति-रिवाज़ के अनुसार श्राद्धकर्म का पालन किया है।
दिशोम गुरु शिबु सोरेन का 4 अगस्त को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हुआ था। पारंपरिक रीति-रिवाज़ के अनुसार उनका अंतिम संस्कार और उसके बाद के संस्कारकर्म उनके पैतृक गांव नेमरा में संपन्न किए जा रहे हैं; मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछले कई दिनों से इन्हीं समारोहों का व्यक्तिगत रूप से संचालन कर रहे हैं।