
गाजीपुर: गाजीपुर में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं। समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधान परिषद प्रत्याशी मदन यादव ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी के बयान पर कड़ा विरोध जताया है। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान सांसद अफजाल अंसारी ने यादव समाज को लेकर एक टिप्पणी की थी, जिस पर मदन यादव ने नाराजगी जताते हुए यादव समाज से एकजुट होने की अपील की है।
मदन यादव ने अपने पोस्ट में लिखा है कि यादव समाज ने गाजीपुर की राजनीति में हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और जिले में बिना यादव समाज के समर्थन के कोई भी सांसद या विधायक नहीं बन सकता। बावजूद इसके, लगातार यादव समाज से ही त्याग और कुर्बानी मांगी जा रही है, जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि यादव समाज ने जितना राजनीतिक योगदान और कुर्बानी दी है, उतना किसी और समाज ने नहीं दिया है।
उन्होंने 2002 और 2007 के विधानसभा चुनाव, 1999, 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों का हवाला देते हुए यादव समाज की राजनीतिक ताकत और बलिदान को याद दिलाया। मदन यादव ने कहा कि एक समय था जब गाजीपुर में तीन-तीन यादव विधायक, दो-दो एमएलसी और तीन बार जिला पंचायत अध्यक्ष यादव समाज से हुआ करते थे, लेकिन आज स्थिति यह है कि केवल एक यादव विधायक है और फिर भी समाज से कुर्बानी मांगी जा रही है।
मदन यादव ने सवाल उठाया कि क्या अब यादव समाज के लोग प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य या जिला पंचायत सदस्य भी नहीं बन सकते? उन्होंने आरोप लगाया कि जब यादव समाज का प्रत्याशी जिला पंचायत अध्यक्ष या विधान परिषद सदस्य का चुनाव लड़ता है, तो विरोधी पक्ष उसे हराने के लिए सक्रिय हो जाता है, जबकि अपने ही समाज के कुछ लोग बिक जाते हैं और दूसरे दलों के प्रत्याशियों को जिताने में मदद करते हैं।
उन्होंने यादव समाज के लोगों से आह्वान किया कि वे नेताओं के दरबार में जाना बंद कर दें, तभी उनकी वास्तविक ताकत का एहसास सभी को होगा। साथ ही, उन्होंने यादव महासभा के पदाधिकारियों से भी सवाल किया कि वे समाज के मुद्दों पर चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा कि महासभा में पदाधिकारी होने के बावजूद वे क्यों सक्रिय नहीं हैं?
मदन यादव ने यादव समाज के लोगों से अपील की कि सभी को पद नहीं मिल सकता, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पद न मिलने पर लोग पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में चले जाएं। उन्होंने समाज से निष्ठावान बने रहने और अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील की।
मदन यादव, जो गाजीपुर प्रधान संघ और यादव महासभा के जिलाध्यक्ष हैं, ने इस पूरे प्रकरण में यादव समाज के आत्मसम्मान और राजनीतिक भविष्य के लिए एकजुटता की जरूरत पर जोर दिया है। उनकी इस पोस्ट के बाद गाजीपुर की राजनीति में हलचल तेज हो गई है और अब देखना होगा कि इस पर अन्य राजनीतिक दलों की क्या प्रतिक्रिया आती है।