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गाजीपुर – गहमर थाना क्षेत्र में 19/20 अगस्त 2024 की रात शराब तस्करों द्वारा किए गए दो आरपीएफ जवानों की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रशासन ने सात आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट (धारा 3(1), उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम, 1986) के तहत मामला दर्ज किया है। घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी और रेलवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए थे।
घटना का विवरण
मृतक जवान: आरपीएफ के मोहम्मद जावेद और प्रमोद, बाड़मेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस में ड्यूटी के लिए मोकामा आरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर जा रहे थे।
घटना का समय: सोमवार रात 1:57 बजे, भदौरा स्टेशन के पास।
घटनास्थल:
देवकली गांव के पास मोहम्मद जावेद का शव मिला।
बकैनिया गांव के पास प्रमोद का शव बरामद हुआ।
हत्या का कारण:
प्रारंभिक जांच में पता चला कि दोनों जवानों ने शराब तस्करी का विरोध किया था, जिससे गुस्साए तस्करों ने उनकी बेरहमी से हत्या कर शवों को ट्रेन से नीचे फेंक दिया।
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पुलिस की कार्रवाई और आरोपियों की पहचान
घटना की जांच के दौरान पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक साक्ष्य जुटाए, जिनसे सात आरोपियों की पहचान हुई।
गैंग लीडर: पंकज कुमार (25 वर्ष, निवासी पटना)।
अन्य आरोपी:
- प्रेमचंद्र वर्मा (25 वर्ष, निवासी पटना)।
- विनय कुमार (45 वर्ष, निवासी पटना)।
- विलेन्द्र पासी (36 वर्ष, निवासी दानापुर)।
- रवि कुमार (27 वर्ष, निवासी खगौल)।
- रवि कुमार उर्फ राकेश (31 वर्ष, निवासी भोजपुर)।
- विक्की कुमार (22 वर्ष, निवासी बिहटा)।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास
सभी आरोपियों पर पहले से हत्या, तस्करी, और अन्य गंभीर अपराधों के कई मामले दर्ज हैं।
पंकज कुमार, गैंग लीडर, पर शराब तस्करी और हिंसा के कई मामले पहले से लंबित हैं।
अन्य आरोपियों का भी तस्करी और संगठित अपराधों में गहरा संलिप्तता है।
वर्तमान स्थिति
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या, तस्करी और गैंगस्टर एक्ट के तहत मामले दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश किया।
सभी आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में हैं, और आज, 10 दिसंबर 2024 को न्यायालय से 60 दिनों का रिमांड प्राप्त किया गया।
पुलिस ने कहा है कि जांच के दौरान आरोपियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
प्रशासन का रुख और बयान
गहमर पुलिस ने कहा है कि घटना में शामिल सभी आरोपियों को कठोरतम सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तस्करों के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू कर दिया है।
समाज में आक्रोश
घटना से रेलवे सुरक्षा बल और आम जनता में भारी आक्रोश है। लोग मांग कर रहे हैं कि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए और रेलवे सुरक्षा में सुधार हो।
निष्कर्ष:
यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि यह भी बताती है कि संगठित अपराध और तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है। प्रशासन की सक्रियता से यह स्पष्ट है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
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