पूरे देश में इन दिनों गणेश उत्सव हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व 10 दिन तक चलता है और आगामी 6 सितंबर को धूमधाम से गणपति बप्पा का विसर्जन किया जाएगा। इसी बीच, हैदराबाद के मुस्लिम समाज ने आपसी सौहार्द और भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश करते हुए बड़ा फैसला लिया है।
दरअसल, इस वर्ष मिलाद-उन-नबी के जुलूस 5 सितंबर की शाम को निकाले जाने थे, लेकिन गणेश विसर्जन से एक दिन पहले दोनों आयोजनों की तिथियां टकराने के कारण संभावित असुविधा को देखते हुए मुस्लिम समाज ने जुलूस की तारीख 14 सितंबर कर दी है।
ओवैसी की सीएम से मुलाकात, तारीख बदली गई
AIMIM चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात की। इस दौरान AIMIM फ्लोर लीडर अकबरुद्दीन ओवैसी और मरकज़ी मिलाद जुलूस समिति के सदस्य भी मौजूद रहे। प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से मुलाकात कर अनुरोध किया कि जुलूस की तिथि आगे बढ़ाई जाए। सीएम से सहमति मिलने के बाद मुस्लिम समाज ने घोषणा की कि अब मिलाद-उन-नबी के जुलूस 14 सितंबर को निकाले जाएंगे।
सजावट और व्यवस्था की मांग
समिति ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि 14 सितंबर को हैदराबाद समेत राज्यभर की प्रमुख मस्जिदों और दरगाहों को सजाने की विशेष व्यवस्था की जाए। इसके अलावा, उस दिन निरंतर और मुफ्त बिजली आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाए, ताकि जुलूस और धार्मिक कार्यक्रम शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से संपन्न हो सकें।
पिछले साल भी बना था ऐसा समीकरण
यह पहली बार नहीं है जब दोनों पर्वों की तिथियां टकराई हैं। पिछले साल भी गणेश विसर्जन 17 सितंबर को और मिलाद-उन-नबी 16 सितंबर को मनाया गया था। इस बार भी स्थिति कुछ वैसी ही रही, लेकिन मुस्लिम समाज ने आपसी तालमेल को प्राथमिकता देते हुए जुलूस की तिथि आगे बढ़ाने का फैसला लिया।
भाईचारे की मिसाल
इस पहल से यह साफ संदेश गया है कि धार्मिक विविधता के बीच आपसी सम्मान और सौहार्द ही भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी पहचान है। अब गणेश विसर्जन और मिलाद-उन-नबी दोनों ही पर्व अपने-अपने समय पर शांतिपूर्वक और धूमधाम से मनाए जाएंगे।