नोएडा। रीढ़ व पीठ की समस्याओं की बढ़ती चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए फर्स्ट वन रिहैब फाउंडेशन सेक्टर-70 नोएडा ने विनसम स्टेप्स, देहरादून के सहयोग से एक विशेष एवं विस्तृत स्पाइन-केयर कार्यशाला का सफल आयोजन किया। यह कार्यशाला विशेष रूप से फ़िज़ियोथेरेपी के विद्यार्थियों और युवा प्रशिक्षुओं के लिए आयोजित की गई, जिसमें स्पाइन की संरचना, कार्यप्रणाली और क्लीनिकल मूल्यांकन की बारीकियों पर गहन चर्चा की गई।
स्पाइन-केयर पर विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन
कार्यक्रम में फर्स्ट वन रिहैब फाउंडेशन की ओर से
डॉ. दीक्षा श्रीवास्तव (ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट एवं मैनेजिंग डायरेक्टर) तथा
डॉ. महीपाल सिंह (फिज़ियोथेरेपिस्ट, एर्गोनॉमिक विशेषज्ञ एवं डायरेक्टर)
ने मुख्य वक्ताओं के रूप में सहभागिता की।
दोनों विशेषज्ञों ने छात्रों को रीढ़ की हड्डी की एनाटॉमी, बायोमैकेनिक्स, पोस्टुरल एलाइनमेंट, न्यूरो-मस्कुलर कंट्रोल, तथा मरीजों के क्लीनिकल असेसमेंट के व्यावहारिक तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. दीक्षा ने कार्यशाला में बच्चों और वयस्कों में सामान्यतः पाई जाने वाली स्पाइन डिसऑर्डर्स—जैसे स्कोलियोसिस, काइफोसिस, लोअर बैक पेन तथा सर्वाइकल स्ट्रेन—के कारणों और शुरुआती लक्षणों पर विशेष ध्यान दिया।
वहीं, डॉ. महीपाल सिंह ने लंबे समय तक बैठने, लैपटॉप/मोबाइल उपयोग, गलत वर्कस्टेशन सेटअप और जीवनशैली की गलत आदतों से होने वाली समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एर्गोनॉमिक सुधार और फंक्शनल एक्सरसाइज़ किस तरह दर्द को कम कर सकती हैं और लंबे समय तक राहत देती हैं।
विद्यार्थियों के लिए प्रायोगिक सत्र
कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों के लिए प्रायोगिक सत्र आयोजित किए गए, जिनमें उन्हें
स्पाइनल मूवमेंट टेस्टिंग,
मसल स्ट्रेंथ व फ्लेक्सिबिलिटी असेसमेंट,
पोस्टर एनालिसिस,
मैनुअल थेरेपी तकनीकें
का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान किया गया।
विद्यार्थियों ने विशेषज्ञों से लगातार प्रश्न पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया।
अभिभावक जागरूकता सत्र रहा विशेष आकर्षण
कार्यशाला के उपरांत विशेष बच्चों के अभिभावकों के लिए एक अभिभावक जागरूकता सत्र भी आयोजित किया गया। सत्र में अभिभावकों ने बच्चों के
विकासात्मक विलंब, व्यवहारिक चुनौतियों, थेरेपी की आवश्यकता, स्कूली वातावरण में सहायता, शुरुआती पहचान व समय पर हस्तक्षेप जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे।

विशेषज्ञों ने अभिभावकों को बताया कि बच्चों के विकास में देरी की शुरुआती पहचान अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि समय पर किया गया हस्तक्षेप बच्चे के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।
विनसम स्टेप्स देहरादून टीम की प्रमुख भूमिका
कार्यक्रम का संपूर्ण संचालन और आयोजन विनसम स्टेप्स देहरादून की टीम—
साक्षी बडोला, पूनम मिश्रा, दीपक मिश्रा, दीपेश मिश्रा, पिंकी तिवारी, विनय तिवारी और शरद मिश्रा—के उत्कृष्ट समन्वय और योजना के कारण बेहद सफल रहा।
टीम के सदस्यों ने प्रतिभागियों के लिए सुविधाजनक माहौल, प्रायोगिक डेमो, सामग्री और तकनीकी व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा।
प्रतिभागियों ने बताया अत्यंत लाभकारी
कार्यक्रम में शामिल विद्यार्थियों और अभिभावकों ने इस पहल की सराहना की। विद्यार्थियों ने कहा कि इस तरह के प्रैक्टिकल-आधारित सत्र फील्ड में काम करते समय उन्हें अधिक सक्षम बनाते हैं। अभिभावकों ने भी इसे बेहद उपयोगी और जागरूकता बढ़ाने वाला कार्यक्रम बताया।














