गाजीपुर – रबी सीजन के लिए किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने आवश्यक उर्वरकों का आवंटन किया है। जिला प्रशासन की ओर से कुल 1116 मीट्रिक टन डीएपी, 552 मीट्रिक टन यूरिया और 856 मीट्रिक टन एनपीके खाद सहकारी समितियों को दी गई है। इनका वितरण संबंधित विकासखंड के खंड विकास अधिकारियों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद किया जाएगा।जिलाधिकारी ने किसानों से अपील की है कि वे फसल की आवश्यकता के अनुसार संतुलित नाइट्रोजेनिक, फास्फेटिक और पोटैशिक उर्वरकों का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि केवल डीएपी पर निर्भर रहने के बजाय किसान एसएसपी (सल्फर 11%, फास्फोरस 16% और कैल्शियम 19%), एनपीके, एनपीएस, फास्फेट रिच ऑर्गेनिक मैन्योर (प्रोम) और नैनो डीएपी जैसे विकल्पों का उपयोग करें। ये उर्वरक मिट्टी को सल्फर, कैल्शियम और पोटैशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जिससे तोरिया, सरसों और आलू जैसी फसलों की उत्पादन क्षमता बढ़ती है।अविनाश कुमार ने बताया कि किसान डीएपी और यूरिया की जगह नैनो यूरिया, कल्चर, कैल्शियम नाइट्रेट और अन्य घुलनशील उर्वरकों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे खेत की मिट्टी स्वस्थ बनी रहती है। उन्होंने किसानों को मृदा परीक्षण कराने की सलाह दी, ताकि आवश्यकतानुसार ही उर्वरकों का प्रयोग हो सके। अधिक उर्वरक प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता घटती है और फसल उत्पादन पर नकारात्मक असर पड़ता है।जिलाधिकारी ने दलहनी व तिलहनी फसलों की खेती को बढ़ावा देने की बात कही, जिससे फसल चक्र में सुधार होगा और रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटेगी। उन्होंने कहा कि संतुलित उर्वरक उपयोग से न केवल लागत कम होगी बल्कि मिट्टी का स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहेगा।














