
मुरादाबाद : ठाकुरद्वारा तहसील का निरीक्षण करते समय डीएम ने एसडीएम और तहसीलदार के कार्यों में लापरवाही को देखकर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कर्मचारियों की गड़बड़ी को भी नोट किया और कार्रवाई की चेतावनी देकर छोड़ दिया। डीएम अनुज सिंह ने सोमवार को ठाकुरद्वारा तहसील का निरीक्षण किया।
इस दौरान अचानक एक व्यक्ति को बुलाकर डीएम ने पूछा कि खतौनी के लिए कितने रुपये दिए गए हैं। उसने बताया कि 20 रुपये दिए गए हैं, जिस पर डीएम ने कहा कि पांच रुपये ज्यादा लिए गए हैं। उन्होंने आम जनता से सरकारी दर से अधिक पैसा लेने के लिए कर्मचारियों को कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
उन्होंने तहसीलदार कोर्ट और नायब तहसीलदार कोर्ट में पत्रावलियों को सुव्यवस्थित ढंग से रखने के लिए पटल सहायक को हिदायत दी, लेकिन दाखिल खारिज के मामलों में देरी के वादों को लेकर उन्होंने अपनी नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा कि सरकार के 45 दिनों के भीतर भूमि संबंधी दाखिल खारिज के मुकदमों का निस्तारण होना चाहिए और नायब तहसीलदार को जल्दी से जल्दी लंबित मामलों को निस्तारित करने के निर्देश दिए। एसडीएम अजय मिश्रा और तहसीलदार रमेश चंद्र पांडे से भी डीएम खुश नहीं थे।
दो दिनों के भीतर लंबित फाइलों के निस्तारण न होने पर भी उन्होंने कार्रवाई की भी चेतावनी दी। इसके बाद डीएम ने विकास खंड ठाकुरद्वारा का भी निरीक्षण किया, जहां उन्होंने आंकिक पटल पर तैनात लेखाकार अतीक अहमद की अलमारी खोलकर देखा, जिसमें पत्रावलियां व्यवस्थित ढंग से रखी गई थीं।
पटल सहायक अनिल कुमार वरिष्ठ सहायक की अलमारी भी खोलकर पत्रावलियों की जांच की गई। उन्होंने सहायक विकास अधिकारी पंचायत योगेंद्र सिंह को ग्राम निधि द्वारा किए जा रहे भुगतान की प्रतिदिन ई-ग्राम स्वराज के अनुसार रजिस्टर ठीक करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान सीडीओ सुमित यादव, एसडीएम अजय मिश्रा, बीडीओ सुरेश चंद्र गुप्ता, तहसीलदार रमेश चंद्र पांडे, नायब तहसीलदार, लघु सिंचाई अवर अभियंता निर्मल कुमार आदि अधिकारी मौजूद रहे।