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!नई दिल्ली: गाज़ियाबाद कोर्ट में पुलिस द्वारा वकीलों पर लाठीचार्ज की घटना की निंदा करते हुए, दिल्ली के सभी वकीलों ने सोमवार, 4 नवंबर को हड़ताल का फैसला किया है। यह लाठीचार्ज जिला जज के निर्देश पर किया गया था, जिसे दिल्ली बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति ने एक “निंदनीय हिंसक घटना” करार दिया है।
रविवार को हुई बैठक में समिति ने कहा, “बार के किसी सदस्य पर हिंसा का यह जघन्य कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हम न्याय और जवाबदेही की मांग में एकजुट हैं। सभी वकीलों से अनुरोध है कि वे काम से विरत रहें, ताकि पीड़ित वकील के प्रति एकजुटता दिखाई जा सके और जिला जज के निर्देश पर की गई पुलिस बर्बरता के खिलाफ आवाज उठाई जा सके।”
समिति के महासचिव अतुल कुमार शर्मा द्वारा हस्ताक्षरित संदेश में सभी वकीलों से काम से दूर रहने का आग्रह किया गया, ताकि पीड़ित साथियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित की जा सके और “पुलिस बर्बरता” के खिलाफ विरोध दर्ज किया जा सके।
रिपोर्ट के अनुसार, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकीलों ने भी 4 नवंबर को कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है, ताकि गाज़ियाबाद कोर्ट में वकीलों पर हुए हमले पर “गहरी चिंता और दुख” व्यक्त किया जा सके।
इस बीच, गाज़ियाबाद बार एसोसिएशन ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर इस लाठीचार्ज की घटना की एसआईटी जांच की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने जिला जज की सुरक्षा का “झूठा और तुच्छ” बहाना देकर बल प्रयोग किया, और सच्चाई सामने लाने के लिए स्वतंत्र जांच आवश्यक है।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने भी बुधवार को एक प्रस्ताव पारित कर इस घटना की निंदा की और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक सिटिंग जज द्वारा इस मामले की जांच कराने की मांग की। SCBA ने घायल वकीलों को मुआवजा देने और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
SCBA ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) और सभी राज्य बार काउंसिलों से भी आग्रह किया है कि वे वकीलों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं ताकि वे बिना किसी डर या उत्पीड़न के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।
क्या हुआ गाज़ियाबाद कोर्ट में?
मंगलवार को गाज़ियाबाद जिला अदालत में एक मामले को लेकर वकीलों और जज के बीच बहस के बाद हंगामा हो गया। बार एसोसिएशन के एक अधिकारी के मामले में जमानत सुनवाई के दौरान वकील नाहर सिंह यादव की जज से बहस हो गई।
जैसे-जैसे विवाद बढ़ा, पुलिस ने वकीलों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसमें कई वकील घायल हो गए। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसमें पुलिस को वकीलों को कोर्ट परिसर से बाहर निकालने के लिए लाठीचार्ज करते और वकीलों द्वारा कुर्सियाँ फेंकते हुए देखा गया।
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VIKAS TRIPATHI
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