
नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव उस वक्त और बढ़ गया जब सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पूर्णब कुमार शॉ गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तानी रेंजर्स की हिरासत में चले गए। बीते 48 घंटे से वह पाकिस्तान की गिरफ्त में हैं। केंद्र सरकार ने उनकी सुरक्षित रिहाई के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं और फ्लैग मीटिंग के माध्यम से मामले को सुलझाने की कोशिश की जा रही है।
सेवा भावना में सीमा पार, पाक रेंजर्स ने लिया हिरासत में
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के निवासी पूर्णब कुमार शॉ ने हाल ही में पंजाब के फिरोजपुर जिले में सीमा पर ड्यूटी जॉइन की थी। बुधवार दोपहर, जब वे सीमा के पास स्थानीय किसानों की मदद कर रहे थे, तब अनजाने में ‘जीरो लाइन’ पार कर गए। वे उस वक्त वर्दी में थे और उनके पास G2 राइफल, तीन मैगजीन और 60 राउंड गोलियां थीं। तभी पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
फ्लैग मीटिंग के प्रयास जारी, अब तक कोई नतीजा नहीं
बीएसएफ ने तुरंत पाकिस्तान रेंजर्स से फ्लैग मीटिंग का अनुरोध किया, लेकिन शुक्रवार सुबह तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। एक अधिकारी ने बताया, “हमारी टीमें झंडे के साथ सीमा पर मौजूद थीं, पर पाकिस्तानी पक्ष नहीं आया।” उन्होंने बताया कि बुधवार और गुरुवार को दो बैठकें हुईं, लेकिन कोई निर्णय नहीं निकल सका।
पत्नी की भावुक अपील: “मेरे पति को सुरक्षित घर लाया जाए”
इस पूरे घटनाक्रम से शॉ की पत्नी रजनी शॉ बेहद व्यथित हैं। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से भावुक अपील करते हुए कहा, “मैंने उनके एक सहकर्मी से सुना कि उन्हें पाकिस्तानी सैनिकों ने पकड़ लिया है। मैं सरकार से गुजारिश करती हूं कि मेरे पति को जल्द से जल्द सुरक्षित भारत वापस लाया जाए।”
पिछले अनुभवों के आधार पर उम्मीद
बीएसएफ के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं और आमतौर पर आपसी समझ और संवाद के ज़रिए सुलझा ली जाती हैं। हाल ही में एक पाकिस्तानी नागरिक को भी भारत ने उसी मानवीय आधार पर सुरक्षित वापस लौटाया था।
पहलगाम हमले के बीच सामरिक संवेदनशीलता बढ़ी
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। उस हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे, जिसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ राजनयिक और रणनीतिक मोर्चों पर सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में जवान की सुरक्षित वापसी भारत के लिए एक कूटनीतिक परीक्षा भी बन गई है।
BSF जवान पूर्णब कुमार शॉ की अनजाने में हुई सीमा पार घटना एक मानवीय त्रासदी बन गई है, जिसमें एक तरफ सीमा पर कर्तव्य निभाने वाले जवान की सेवा भावना झलकती है और दूसरी तरफ कूटनीतिक रिश्तों की जटिलता। भारत सरकार की कोशिश है कि यह मसला शांति और आपसी संवाद से जल्द सुलझे, और शॉ सुरक्षित रूप से अपने परिवार के पास लौटें।

VIKAS TRIPATHI
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