
Maharashtra News: मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के पूर्व विधायक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में 13 आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए अदालत में अहम जानकारी पेश की। पुलिस ने बताया कि इस हत्या में जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की भूमिका स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन उसका भाई अनमोल बिश्नोई अपने अलग गिरोह का संचालन कर रहा है।
क्या है पूरा मामला?
12 अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा स्थित निर्मल नगर इलाके में बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। पुलिस ने अब तक इस मामले में 26 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मुख्य आरोपी और कथित शूटर शिवकुमार गौतम भी शामिल है।
अनमोल बिश्नोई, जो इस हत्या के मामले में वांछित है, पर आरोप है कि वह गिरोह का नेतृत्व कर रहा था और उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अपना दबदबा बढ़ाने की कोशिश कर रहा था।
26 आरोपियों पर मकोका के तहत मामला दर्ज
मुंबई पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल 26 आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत कठोर धाराएं लगाई हैं। इनमें से 13 आरोपियों को 9 दिसंबर को विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 16 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया, जबकि बाकी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।
अनमोल बिश्नोई का गिरोह और वित्तीय कनेक्शन
विशेष सरकारी वकील ने अदालत में दलील दी कि जांच के दौरान यह पाया गया है कि अनमोल बिश्नोई ने आरोपी नितिन सप्रे को ₹40,000 की राशि भेजी थी। पुलिस का मानना है कि इस वित्तीय लेन-देन के जरिए हत्याकांड को अंजाम दिया गया। अब पुलिस इस वित्तीय पहलू की गहराई से जांच कर रही है।
जांच के लिए ‘कड़ियों को जोड़ने’ की जरूरत
मुंबई पुलिस ने अदालत से 13 आरोपियों की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि इस मामले में कई छोटी-छोटी कड़ियां हैं, जिन्हें जोड़कर ही हत्या की पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जा सकता है।
लॉरेंस और अनमोल का अलग-अलग गिरोह संचालन
पुलिस ने कोर्ट को यह भी बताया कि लॉरेंस बिश्नोई और उसका भाई अनमोल अब अलग-अलग गिरोह चला रहे हैं। लॉरेंस पहले से ही जेल में बंद है, जबकि अनमोल फरार है और विभिन्न राज्यों में अपना नेटवर्क मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
अदालत का आदेश
अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने 13 आरोपियों को 16 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। अब पुलिस इस हत्याकांड से जुड़े हर पहलू की जांच में जुटी है, जिसमें अनमोल बिश्नोई के गिरोह की गतिविधियां और हत्या के पीछे का पूरा षड्यंत्र शामिल है।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: अब आगे क्या?
मुंबई पुलिस का दावा है कि इस हत्याकांड के पीछे संगठित अपराध से जुड़ा एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। लॉरेंस और अनमोल बिश्नोई जैसे गैंगस्टर्स के गिरोह देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
पुलिस को उम्मीद है कि आरोपियों से पूछताछ के जरिए हत्या के हर पहलू पर रोशनी डाली जा सकेगी और इस मामले में फरार आरोपी अनमोल बिश्नोई को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
यह हत्याकांड न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में संगठित अपराध के खिलाफ एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।