गुवाहाटी | असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को एक अहम बयान देते हुए दावा किया कि राज्य में वन, राजस्व और अन्य सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने वालों में बिहार और पश्चिम बंगाल के लोगों की भी संलिप्तता है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों की पहचान कर रही है और उनके विवरण स्थानीय प्रशासन के साथ साझा किए जा रहे हैं, ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि वे भारतीय नागरिक हैं या सीमा पार से आए हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है और प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि किसी भी हालत में वन और सरकारी भूमि पर कब्जा बर्दाश्त न किया जाए।
बेदखली अभियान के दायरे में 30 से अधिक गांव
राज्य सरकार ने एक विस्तृत बेदखली अभियान की योजना बनाई है, जो 30 से अधिक सीमावर्ती गांवों में फैला हुआ है और इसमें 3,000 बीघा से अधिक भूमि को मुक्त कराने का लक्ष्य रखा गया है। प्रशासन की ओर से पहले ही कब्जाधारियों को जुलाई से पूर्व स्थल खाली करने के निर्देश दिए जा चुके थे। इसके बाद कई अवैध रूप से बसे लोगों ने अपने वाहनों से क्षेत्र खाली कर दिया।
उरियमघाट में मुख्यमंत्री का दौरा, ड्रोन से की निगरानी
शुक्रवार दोपहर मुख्यमंत्री सरमा ने गोलाघाट जिले के उरियमघाट क्षेत्र का दौरा किया और वहां चल रहे बेदखली अभियान का ड्रोन के माध्यम से निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ सरूपथार विधायक विश्वजीत फुकन, जिला आयुक्त पुलक मोहंता, पुलिस अधीक्षक राजेन सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि यदि उरियमघाट में रह रहे “संदिग्ध नागरिक” स्वेच्छा से क्षेत्र खाली कर देते हैं, तो निष्कासन अभियान को स्थगित किया जा सकता है। लेकिन यदि वे नहीं हटते, तो प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करेगा।
बिहार-बंगाल के लोगों पर विशेष निगरानी
सीएम सरमा ने कहा कि धुबरी, कछार, नागांव, होजई, मोरीगांव और श्रीभूमि जैसे जिलों में बंगाल और बिहार से आए लोगों द्वारा अवैध कब्जे की पुष्टि हुई है। उनके नाम, पते और अन्य पहचान संबंधी विवरण इकट्ठा कर संबंधित राज्यों के अधिकारियों को भेजे जा रहे हैं। यदि यह सिद्ध होता है कि वे स्थानीय नहीं हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
“सरकार मूकदर्शक नहीं बनी रह सकती” – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा, “सरकार अवैध कब्जे को लेकर मूकदर्शक नहीं रह सकती। यह सिर्फ जमीन का मामला नहीं है, बल्कि कानून-व्यवस्था से भी जुड़ा विषय है। जिन इलाकों में अतिक्रमण हो रहा है, वहां नशीली दवाओं की तस्करी और चोरी जैसे अपराधों में बढ़ोतरी देखी गई है।”
पृष्ठभूमि में हालिया घटनाएं
हाल ही में धुबरी और ग्वालपाड़ा जिलों में भी बेदखली की घटनाएं हुई थीं, जिन्हें लेकर कुछ विरोध भी सामने आया। बावजूद इसके, मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि जनता की प्रतिक्रिया के बावजूद सरकार अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी रखेगी।