
आगरा: थाने पर कोई पीड़ित पहुंचता है तो उसकी एफआईआर हर हाल में दर्ज होनी चाहिए। यदि घटनास्थल थाना क्षेत्र का नहीं भी हो, तब भी जीरो एफआईआर लिखकर संबंधित थाने को स्थानांतरित की जानी चाहिए। क्षेत्र में कोई नई परंपरा न शुरू हो, और त्योहारों व आयोजनों से पहले पीस कमेटी की बैठक कर शांति व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। वारंट की अंतिम तिथि से पहले ही तामील कर लिया जाए।
ये निर्देश पुलिस आयुक्त जे. रविन्दर गौड ने पुलिस लाइन में आयोजित अपराध समीक्षा बैठक में पुलिस उपायुक्तों और सहायक पुलिस उपायुक्तों को दिए।
सुबह कार्यालय में जनता की सुनवाई करेंगे सभी
पुलिस आयुक्त ने बैठक में निर्देश दिए कि सभी पुलिस अधिकारी और थाना प्रभारी सुबह 10 से 12 बजे तक कार्यालयों में उपस्थित रहकर जनता की सुनवाई करें। क्षेत्र में किसी भी आयोजन की अनुमति देने से पहले मौके पर जाकर निरीक्षण किया जाए, उसके बाद ही अनुमति दी जाए। यदि अत्यंत आवश्यक न हो तो नए आयोजन की अनुमति न दी जाए। पिछले 10 सालों में सामने आए संपत्ति संबंधी अपराधों की समीक्षा की जाए। निगरानी सुनिश्चित करें और नए अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलने के साथ पुरानों पर नजर रखी जाए। पुराने हिस्ट्रीशीटर की दिन और रात में बीट एसआई और बीट पुलिस अधिकारी द्वारा निगरानी की जाए।