
आरटीओ कार्यालय पर डीएम अलीगढ़ का फिल्मी स्टाइल में छापा:
आरटीओ कार्यालय पर डीएम अलीगढ़ विशाख द्वारा फिल्मी स्टाइल में की गई कार्रवाई के बाद अधीनस्थों में हड़कंप मच गया। आरटीओ विभाग में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। सभी लोग हैरान थे कि इतनी सटीक सूचना डीएम तक कैसे पहुंची। दरअसल, डीएम विशाख ने सबसे पहले अपने कर्मचारी को आरटीओ कार्यालय भेजकर मॉनिटरिंग कराई थी।
लोग भ्रष्टाचार में लिप्त थे और बाहरी लोग सेटिंग गेटिंग के जरिए भ्रष्टाचार कर रहे थे। डीएम अलीगढ़ को इन सभी गतिविधियों की मिनट-टू-मिनट अपडेट मिल रही थी। इसके बाद डीएम अलीगढ़ अपने लाव-लश्कर के साथ आरटीओ कार्यालय पहुंच गए और मौके पर मौजूद कुछ लोगों को पकड़कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। वहीं, आरटीओ कार्यालय के प्रशिक्षण केंद्र पर भी खामियों का अंबार मिला और वहां से भी कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया।
आरटीओ कार्यालय में मौजूद एक कार को भी जिलाधिकारी द्वारा सीज करने के आदेश दे दिए गए। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य अलीगढ़ को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना था, जिसकी नींव जिलाधिकारी अलीगढ़ द्वारा कई महीने पहले ही रख दी गई थी। लंबे समय से जिला अलीगढ़ को भ्रष्टाचार मुक्त करने की तैयारी चल रही थी। आरटीओ कार्यालय में दलालों के माध्यम से काम होने की सूचना मिल रही थी, जिसका स्वतः संज्ञान लेते हुए डीएम अलीगढ़ ने यह कार्रवाई की।
जिलाधिकारी विशाख ने मंगलवार को आरटीओ कार्यालय एवं आईटीआई क्षेत्र परिसर में परिवहन विभाग द्वारा संचालित ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र का औचक निरीक्षण करते हुए छापेमारी की। इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में कार्रवाई से आरटीओ कार्यालय के बाहर बैठे दलालों में खलबली मच गई। कार्रवाई के दौरान आरटीओ कार्यालय परिसर से बाहरी एवं अनाधिकृत व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से कई फर्जी कागजात मिले।
जिलाधिकारी ने गिरफ्तार व्यक्तियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिए। वहीं, ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र पर कार्रवाई के दौरान पवन कुमार पुत्र सुरेशपाल सिंह व बच्चू सिंह पुत्र रामजीलाल को मौके पर पकड़ा गया। उनके मोबाइल फोन में आरटीओ से संबंधित दस्तावेज पाए गए।
डीएम ने बताया कि पूर्व में भी शिकायतें प्राप्त हो रही थीं कि आरटीओ कार्यालय में अनाधिकृत एवं बाहरी व्यक्तियों द्वारा प्रशासनिक कार्यों को प्रभावित किया जा रहा है। इसी को लेकर औचक निरीक्षण कर अनाधिकृत व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार व्यक्तियों का पूर्व में भी आपराधिक इतिहास रहा है। मोबाइल फोन और प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इन लोगों के खिलाफ हुआ मुकदमा दर्ज:
डीएम के आदेश के बाद भूपेन्द्र पुत्र देवेन्द्र सिंधौली, प्रताप सिंह पुत्र घमंडी सिंह सिखरना, अखिलेश पुत्र देवकी नन्दन गुप्ता एडवोकेट कॉलोनी, तरुण सारस्वत पुत्र स्व. ओम प्रकाश सारस्वत भाईजी नगर, बच्चू सिंह पुत्र रामजी लाल नगला कलार, और पवन कुमार पुत्र सुरेशपाल सिंह नगला मौलवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।
आरटीओ कार्यालय पर लोगों ने क्या आरोप लगाए:
आरटीओ कार्यालय में अपने वाहन संबंधी कागजात को पूरा कराने आए लोगों का कहना है कि आरटीओ कार्यालय में मौजूद अधिकारियों की शह पर ही दलाली कराई जाती है। कुछ लोगों ने बताया कि वे 15 दिनों से चक्कर लगा रहे हैं लेकिन बिना दलाल के कोई काम नहीं हो पाया। तब उन्होंने एक दलाल से संपर्क किया, जिसने 8 हजार के काम के लिए 16 हजार रुपए मांगे। अधिकारियों से सीधे बात करने की कोशिश करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। जब तक अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक यह दलाली का खेल चलता रहेगा।
लोगों का कहना है कि आरटीओ अलीगढ़ दलालों का अड्डा बन चुका है। सभी दलाल आरटीओ दफ्तर के प्रांगण में ही अपनी दुकान खोलकर बैठ जाते हैं और हर कागज की अलग-अलग कीमत बताते हैं। आरटीओ के साइन से लेकर बाबू तक के साइन की अलग-अलग कीमत है। लेकिन जिलाधिकारी अलीगढ़ की कार्रवाई से थोड़ी उम्मीद जगी है कि बदलाव देखने को मिलेगा।
एक महिला ने बताया कि उसने एक दलाल को पैसे दिए थे, लेकिन न तो काम हुआ और न ही दलाल मिला। उसने जिलाधिकारी से शिकायत की, तो जिलाधिकारी ने पुलिस को तहरीर देते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। जिलाधिकारी अलीगढ़ के औचक निरीक्षण के दौरान एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट, एसीएम द्वितीय संजय मिश्रा, सीओ बन्ना देवी आर.के. सिसौदिया, एसएचओ बन्ना देवी पंकज कुमार समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।