
आगरा – नगर निगम के अधिशासी अभियंता आरके सिंह पर 300 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं। आरोप है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी रहते हुए उन्होंने ठेकेदारों से कमीशन लिया है। यह भी आरोप है कि पिछले 8 साल की तैनाती के दौरान आरके सिंह ने बिहार में शॉपिंग मॉल बनवाया और रिश्तेदारों के खातों में पैसे पहुंचवाए। बीजेपी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अशोक कुशवाह की शिकायत पर शासन ने जांच के आदेश दिए हैं। मंडलायुक्त ऋतु महेश्वरी के आदेश पर गठित कमेटी आरके सिंह की आय से अधिक संपत्ति की जांच कर रही है। आरके सिंह का तबादला हुए दो साल हो चुके हैं, फिर भी वह अब तक आगरा नगर निगम में जमे हुए हैं।
पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक कुशवाह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आगरा कमिश्नर से शिकायत की थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी रहते हुए आरके सिंह ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया है। उन्होंने नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल पर भी अभियंता से रकम लेकर उसे संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
आरके सिंह का तबादला वाराणसी हो गया था, लेकिन वह दो साल से आगरा में बने हुए हैं, जिससे सवाल उठ रहे हैं। आरके सिंह मूल रूप से बिहार के विलासपुर के रहने वाले हैं। 2016 में उनकी तैनाती आगरा नगर निगम में हुई थी। 2017 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में उन्हें पहला नोडल अधिकारी बनाया गया था।
इस प्रोजेक्ट में करीब 1000 करोड़ रुपये का बजट था, जिसमें ताजगंज क्षेत्र और शहर के अन्य वार्ड शामिल थे। सबसे बड़ा प्रोजेक्ट एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर था, जिसका बजट 285 करोड़ रुपये था। इस प्रोजेक्ट के तहत 1216 सीसीटीवी कैमरे लगने थे। इसके अलावा, आठ स्थानों पर स्वचलित शौचालय, 150 करोड़ रुपये से ताजगंज क्षेत्र को चौबीस घंटे गंगाजल, 39 स्थानों पर प्रदूषण की रीडिंग के लिए सेंसर लगाए जाने थे। आठ करोड़ रुपये के गड्ढा मुक्त अभियान के तहत कार्य किए गए। कई निर्माण कार्य बिना टेंडर के कराए गए। आरके सिंह ने कहा है कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे।