असम विधानसभा में गुरुवार को बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाला महत्त्वपूर्ण बिल पारित हो गया। इस बिल के मुताबिक, अब राज्य में एक से अधिक शादी करना दंडनीय अपराध माना जाएगा। ऐसा करने वाले व्यक्ति को सरकारी नौकरी, चुनाव लड़ने का अधिकार और सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
इस कानून के लागू होने के बाद यदि कोई व्यक्ति अपनी पहली शादी कानूनी रूप से समाप्त किए बिना दूसरी शादी करता है, तो उसे अधिकतम 7 साल की जेल और जुर्माना भुगतना पड़ेगा। साथ ही, पहली पत्नी को 1.50 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का प्रावधान भी बिल में शामिल है।
किन पर लागू होगा कानून?
यह कानून असम के सभी नागरिकों पर लागू होगा, लेकिन संविधान की छठी अनुसूची के तहत आने वाले क्षेत्रों तथा अनुसूचित जनजातियों पर यह लागू नहीं होगा।
सरकारी नौकरी और चुनाव पर रोक
इस बिल के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति:
किसी भी प्रकार की सरकारी नौकरी नहीं पा सकेंगे
सरकारी सहायता वाली योजनाओं के लाभार्थी नहीं बन सकेंगे
पंचायत से लेकर नगर निकायों तक किसी भी चुनाव में भाग नहीं ले सकेंगे
सरकार का कहना है कि इस कदम से महिलाओं के अधिकारों की रक्षा होगी और समाज में समानता की दिशा में बड़ा बदलाव आएगा।
अगले कार्यकाल में UCC लागू करने का वादा
बिल पास होने के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे “महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक फैसला” बताया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि यदि वे अगले चुनाव में फिर सत्ता में लौटते हैं, तो अपने पहले सत्र में ही राज्य में यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करेंगे।
सरमा ने कहा—
“यह कानून महिला अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक था और UCC असम में कानूनी समानता सुनिश्चित करेगा।”














