Wednesday, November 26, 2025
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बिहार में नई सरकार में सम्राट चौधरी का महिला-सुरक्षा पर सख्त रुख: स्कूलों में पेट्रोलिंग, माफियाओं की चिन्हित संपत्ति जब्ती और सोशल मीडिया पर भी कार्रवाई

बिहार में नई सरकार के गठन के बाद डिप्टी सीएम सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने स्पष्ट कह दिया है कि महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा। मंगलवार को सरदार पटेल भवन में गृह विभाग का पदभार लेने के बाद उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सुशासन की जो राह चुनी गई है, उसी को आगे बढ़ाते हुए कई अहम कदम उठाए जाएंगे।

सम्राट चौधरी के मुताबिक, चाहे मामला लॉ एंड ऑर्डर का हो या माफिया-क्राइम का — सरकार अपराधियों को चिन्हित कर कार्रवाई करेगी। विशेष रूप से यह कहा गया कि स्कूल और कॉलेज परिसरों में पोलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी, ताकि “कोई रोमियो” छात्राओं को परेशान न कर सके। इन शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी होने पर विशेष अभियान चलाने का भी प्रस्ताव है, ताकि वहां पर्याप्त पुलिस तैनात हो सके और छेड़छाड़ को रोका जा सके।

इसके अलावा, अपराधियों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल के ज़रिए तेजी से कार्रवाई की जाएगी। जेलों में निगरानी भी कड़ी की जाएगी — यह समीक्षा की जाएगी कि कैसे मोबाइल जेलों में पहुंचती है। अगर बाहर से खाना भेजा जाता है, तो उसकी भी जांच-पड़ताल होगी और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होगी, अगर नियम तोड़े गए हों।

सोशल मीडिया पर गाली-गलौज करने वालों पर भी सख्ती का एलान किया गया है। सम्राट चौधरी ने कहा कि साइबर क्राइम और साइबर फ्रॉड को गंभीरता से लिया जाएगा और अपमानजनक भाषा, गाली-गलौज करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। शिकायत आने पर गिरी गयी विभाग (गृह विभाग) पूरी शक्ति से कार्रवाई करेगा।

माफिया-क्राइम के मामले में उन्होंने कहा कि लगभग 400 माफियाओं को पहले ही सूचीबद्ध किया गया है। इनमें से कुछ के खिलाफ अदालत की सहमति भी मिल चुकी है, और आगे सहमति मिलने पर उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी। बिहार पुलिस “ऑर्गनाइज्ड क्राइम” करने वालों के खिलाफ पूरी सख्ती से काम करेगी।


पहले से चल रही योजनाएं / जहां यह मॉडल पहले आ चुका है

जहां तक यह “नई नीति” (विशेष फोर्स, कॉलेज-स्कूल पेट्रोलिंग, माफिया चिन्हित करना) है, उसके कुछ हिस्से पहले भी कहीं-कहीं दिखे या घोषित किए गए हैं, हालांकि पूरी स्केल और सख्ती अभी नयी लगती है। नीचे कुछ प्रासंगिक उदाहरण दिए हैं:

1.महिला पॉलिटेक्निक छात्रावास

सम्राट चौधरी ने घोषणा की है कि मुजफ्फरपुर में राजकीय महिला पॉलिटेक्निक (Government Women’s Polytechnic) में 200 बेड वाली छात्रावास (G+3) बनाने के लिए ₹17.88 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

यह ‘सात निश्चय’ योजना के तहत एक बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि यह न केवल शिक्षा को बढ़ावा देगा बल्कि छात्राओं को सुरक्षित और सामर्थ्य वाली आवासीय व्यवस्था देगा।

इस पॉलिटेक्निक का नाम Government Women’s Polytechnic, Muzaffarpur है।

2.स्कूलों में जागरूकता अभियान

छपरा (सारण) पुलिस ने “Know Your Police” प्रोग्राम के तहत प्राथमिक स्कूलों में महिला सुरक्षा पर जागरूकता अभियान चलाया है, जिसमें पुलिस थानों के अधिकारी बच्चों और अभिभावकों से संवाद कर रहे हैं।

यह अभियान यह दर्शाता है कि पुलिस पहले भी स्कूल-परिसरों में सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रही है।

3.महिला कांस्टेबलों की तैनाती

पटना में कुछ कॉलेजों और स्कूलों में पहले महिला सिपाहियों (महिला कांस्टेबल) की तैनाती की व्यवस्था थी, लेकिन खबरें आ रही हैं कि यह व्यवस्था अब खत्म हो गई है।

इसका मतलब है कि सुरक्षा की पुरानी पहलें थीं, लेकिन उन्हें बनाए रखने में चुनौतियां आई थीं।

4.सड़क-सुरक्षा विशेष जोन (Safe School Zones)

बिहार सरकार ने “Safe School Zones” की योजना बनाई है, जहां स्कूलों के आसपास सुरक्षित जोन बनाए जाएंगे ताकि सड़क हादसों से बचाने में मदद मिले।

यह योजना मुख्य रूप से यातायात सुरक्षा पर केंद्रित है, लेकिन महिलाओं (छात्राओं) की सुरक्षा के व्यापक स्वरूप में यह सहायक हो सकती है।

सम्राट चौधरी की घोषणा पूरी तरह से नए आयाम जोड़ती है: सिर्फ स्कूल या कॉलेज के बाहर पुलिस की उपस्थिति ही नहीं, बल्कि माफिया-क्राइम और सोशल मीडिया के खिलाफ भी सख्त कदम.

पिछली पहलों का फायदा: उनकी नई नीति उन पहलों पर मज़बूती से खड़ी होती है जो पहले से थीं — जैसे छात्रावास, जागरूकता अभियान; लेकिन अब उन्हें ज्यादा समेकित और शक्तिशाली रूप दिया जा रहा है.

चुनौतियां: पेट्रोलिंग स्केल, पर्याप्त पुलिस फोर्स, लॉन्जिस्टिक्स, और “विशेष फोर्स” बनाने की प्रक्रिया में समय और संसाधन लग सकते हैं। इसके अलावा, माफिया की संपत्ति जब्ती कानूनी प्रक्रियाओं में रुकावटें ला सकती हैं।

जरूरी निगरानी और पारदर्शिता: यह जरूरी होगा कि ये वादे सिर्फ घोषणाओं में न रहें — सरकार को पब्लिक रिपोर्टिंग, नियमित समीक्षा और पब्लिक फीडबैक तंत्र भी मजबूत करना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि

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