शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले सरकार ने 30 नवंबर को सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसके लिए सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को पत्र भेजकर उन्हें बैठक में शामिल होने का आमंत्रण दिया है।
इस बैठक में शीतकालीन सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों, सरकार के विधायी एजेंडा तथा विभिन्न बिलों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए विपक्ष से सहयोग और व्यापक सहमति बनाने का प्रयास भी किया जाएगा।
संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा। कुल 19 दिनों के सत्र में 15 बैठकें प्रस्तावित हैं।
सत्र में प्रमुख मुद्दे और संभावित राजनीतिक माहौल
इस बार शीतकालीन सत्र का राजनीतिक वातावरण बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों से प्रभावित रहने की संभावना है। चुनाव के प्रभाव के साथ-साथ SIR (एसआईआर) का मुद्दा भी सदन में प्रमुखता से उठ सकता है।
विपक्ष SIR प्रक्रिया में कथित गड़बड़ियों और वोट चोरी के आरोपों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है।
सरकार की ओर से इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने पर जोर रहेगा। इनमें विशेष रूप से शामिल हैं:
संविधान (129वां और 130वां संशोधन) बिल
जन विश्वास विधेयक
इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी (दिवालियापन) विधेयक
इन विधेयकों के पारित होने से प्रशासनिक ढांचे और कानूनी प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण सुधार होने की उम्मीद है।
14 दिसंबर को कांग्रेस की बड़ी रैली
SIR प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं और वोट चोरी के आरोपों के विरोध में कांग्रेस ने 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक बड़ी रैली का ऐलान किया है।इस रैली में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इस मुद्दे को लेकर चलाए गए हस्ताक्षर अभियान के दस्तावेज भी रैली में प्रदर्शित किए जाएंगे, जिन्हें बाद में राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।














