दिल्ली–एनसीआर में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराज़गी जताई है। खराब हवा के बीच स्कूलों में जारी खेल प्रतियोगिताओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को निर्देश दिया है कि अगले आदेश तक स्कूलों में सभी आउटडोर खेल गतिविधियाँ रोकी जाएँ। साथ ही कोर्ट ने वायु प्रदूषण की स्थिति की हर महीने नियमित निगरानी करने का निर्णय लिया है। अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
स्कूलों में प्रदूषण के बीच खेल गतिविधियों पर सवाल
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने यह आदेश न्यायमित्र द्वारा उठाई गई उस गंभीर चिंता के बाद दिया, जिसमें कहा गया था कि नवंबर–दिसंबर के दौरान जब प्रदूषण चरम पर होता है, तब भी बच्चों को खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने को मजबूर किया जा रहा है।
सुनवाई के दौरान यह भी कहा गया कि “आज बच्चों को स्कूल भेजना मानो उन्हें गैस चैंबर में भेजने जैसा है।” इस पर कोर्ट ने निर्देश दिया कि CAQM खेल प्रतियोगिताओं को सुरक्षित महीनों तक स्थगित करने पर विचार करे और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करे।
प्रदूषण पर मासिक निगरानी का आदेश
कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के चरम पर पहुँचने के बाद उपाय करने के बजाय नियमित निगरानी ज़रूरी है। इसलिए अब वायु गुणवत्ता से जुड़े इस मामले की मासिक सुनवाई होगी। इसमें CAQM और पर्यावरण मंत्रालय (MoEFCC) की कार्रवाई रिपोर्ट पर समीक्षा की जाएगी। कोर्ट ने टिप्पणी की, “नियमित और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए मामले की हर महीने सुनवाई आवश्यक है, ताकि अधिकारियों द्वारा उठाए जा रहे कदमों की निरंतर समीक्षा की जा सके।”
केंद्र ने बताया अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्लान
इससे पहले सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से ASG ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह की योजनाएँ तैयार हैं। CJI ने डस्ट मिटिगेशन के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी, जिसके जवाब में एंटी-स्मॉग गन और धूल नियंत्रण उपायों की जानकारी कोर्ट को दी गई। केंद्र ने साप्ताहिक ‘एक्शन-टेकन रिपोर्ट’ दाखिल करने की अनुमति भी मांगी, जबकि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दीर्घकालिक समाधान प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।
10 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने NCR के राज्यों को भी निर्देश दिया है कि वे निर्वाह भत्ते से जुड़े दिशा-निर्देश तैयार कर अगले दिन अदालत में प्रस्तुत करें। मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को निर्धारित की गई है, जहाँ प्रदूषण नियंत्रण की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।














