नई दिल्ली: लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक बुलाई। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए। बैठक में दिल्ली विस्फोट की जांच की प्रगति, सुरक्षा एजेंसियों की प्रारंभिक रिपोर्ट और आगे की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई। कैबिनेट ने इस आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।
सरकार ने कहा कि “10 नवंबर को लाल किले के पास हुआ यह विस्फोट राष्ट्रविरोधी ताकतों द्वारा अंजाम दी गई एक जघन्य आतंकवादी घटना है। मंत्रिमंडल निर्देश देता है कि इस घटना की जांच पूरी तत्परता और पेशेवर तरीके से की जाए, ताकि अपराधियों, उनके सहयोगियों और उनके प्रायोजकों को शीघ्र न्याय के कटघरे में लाया जा सके।”
बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री आवास पर प्रधानमंत्री मोदी से लगभग आधे घंटे तक अलग से मुलाकात की, जिसमें सुरक्षा एजेंसियों के कदमों और अगली कार्रवाई पर विचार-विमर्श हुआ।
Went to LNJP Hospital and met those injured during the blast in Delhi. Praying for everyone’s quick recovery.
Those behind the conspiracy will be brought to justice! pic.twitter.com/HfgKs8yeVp
— Narendra Modi (@narendramodi) November 12, 2025
पीड़ितों से मिले प्रधानमंत्री, कहा — अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा
भूटान से लौटने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे, जहाँ उन्होंने घायलों से मुलाकात की और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा —
“दिल्ली बम विस्फोट में घायल हुए लोगों से मिलने अस्पताल गया। सभी के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। इस साजिश के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।”
कैबिनेट की बैठक में आर्थिक फैसले भी — ‘निर्यात संवर्धन मिशन’ को मंजूरी
सुरक्षा पर चर्चा के साथ ही कैबिनेट ने कई अहम आर्थिक प्रस्तावों को भी मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड के माध्यम से निर्यातकों को 100% क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान करने की योजना को स्वीकृति दी है।
इसके अलावा, सरकार ने निर्यात संवर्धन मिशन (EPM) को भी हरी झंडी दी है, जिसका उद्देश्य भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को मज़बूत करना और वैश्विक बाजार में देश की हिस्सेदारी बढ़ाना है।














