दिल्ली। राजधानी के ऐतिहासिक लाल किला-मेट्रो स्टेशन (गेट नंबर-1) के पास शाम करीब 7 बजे एक चलती कार में भीषण विस्फोट हुआ, जिससे आसपास दहशत मच गई। धमाके की तीव्रता इतनी थी कि आसपास की इमारतें हिल गईं, दुकानों के शीशे बिखर गए और सड़क पर मानव अवशेष व क्षतिग्रस्त वाहन बिखर गए। घटनास्थल से प्राप्त शुरुआती जानकारी के अनुसार इस हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत हुई है जबकि 30 से अधिक लोग घायल हैं — घायलों का इलाज दिल्ली के एल.एन.जेपी. (LNJP) अस्पताल में किया जा रहा है।
धमाके का स्वरूप और तत्काल प्रभाव
प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक धमाका कार के पीछे हिस्से में हुआ था। विस्फोट इतना तेज था कि कार के परखच्चे उड़ गए और लगती आग ने आसपास खड़ी 3-4 गाड़ियों को अपने साथ जला लिया। ब्लास्ट के बाद मौके पर कोई बड़ा गड्ढा नहीं देखा गया और जिन घायलों को देखकर अस्पताल में लाया गया, उनके शरीर पर कील या तार जैसी किसी बाहरी वस्तु के चुभने के निशान नहीं पाए गए। साथ ही, जले हुए लोगों के चेहरे या शरीर काले नहीं दिखाई दे रहे — यह विवरण विस्फोट की प्रकृति और ईंधन/ज्वलन के स्रोत के बारे में जांचकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है।
जांच टीम की कार्रवाई / फोरेंसिक काम
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और फोरेंसिक टीमें मौके पर पहुँचकर घटनास्थल की बारीक पड़ताल कर रही हैं। जिस वाहन में धमाका हुआ, उसके टूटे-फूटे पुर्जों से गाड़ी का नंबर निकालने के प्रयास underway हैं ताकि वाहन के मालिक/पिछला उपयोगकर्ता तक पहुंचा जा सके। टीमों ने इलाके को तुरंत सील कर दिया और निकटवर्ती CCTV फुटेज व मोबाइल लोकेशन-डेटा एकत्रित किए जा रहे हैं। दिल्ली फायर सर्विस की 15 गाड़ियों ने आग पर काबू पाया और बचाव-कार्य में हिस्सेदारी निभाई। NIA, NSG व अन्य केंद्रीय एजेंसियाँ भी जांच में शामिल हो गई हैं तथा विस्फोटक विश्लेषण के लिए सैंपल भेजे जा रहे हैं।
शस्त्र व विस्फोटक संकेत? जांच के प्रमुख सवाल
विस्फोट के पैटर्न को देखते हुए शुरुआती जांच इसे सामान्य सड़क-दुर्घटना नहीं, बल्कि बड़ी आतंकी घटना होने का संकेत दे रही है। सूत्रों का कहना है कि धमाके का प्रभाव करीब 200 मीटर तक महसूस किया गया और शरीर-खंड उड़े जाने जैसे गंभीर परिणाम सामने आये।
विस्फोट के बाद जगह पर कोई खुला गड्ढा नहीं बनना, और घायलों के शरीर पर कीलों/तारों के निशान न होना, यह संकेत दे सकता है कि बम वाहन के अंदर किसी तरीके से रखा गया था या विस्फोटक का प्रकार अलग था — किन्तु ये निष्कर्ष फोरेंसिक व रासायनिक विश्लेषण के बाद ही पुख्ता किए जा सकते हैं।
क्या धमाका बारूद (गनपॉउडर) से हुआ था? क्या इसमें कोई विशेष प्रकार का हाई-एक्सप्लोसिव इस्तेमाल हुआ — ये सभी सवाल जांचकर्ता उठाते रहे हैं और उनके उत्तर के लिए फोरेंसिक लैब के परीक्षण आवश्यक हैं।

मौके पर मौजूद अन्य लोग और कार के भीतर सवार कौन-कौन थे — यह भी जांच का केंद्र है। वाहन के टूटे हिस्सों से मिले सुराग, पास-पोर्ट/आईडी व मोबाइल रिकॉर्ड मददगार हो सकते हैं।
सुरक्षा के दायरे में बढ़ोतरी, हाई-अलर्ट
घटना के बाद CISF सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने देशव्यापी सतर्कता बढ़ा दी है। हवाई अड्डे, मेट्रो नेटवर्क, विरासत स्थल और संवेदनशील सरकारी प्रतिष्ठानों के सुरक्षा चक्र को मजबूत करने के निर्देश जारी किये गए हैं। दिल्ली पुलिस और केंद्रीकृत एजेंसियाँ आसपास के सीसीटीवी फुटेज, पेट्रोल पंप, टोल-बूथ व हाईवे कैमरों की फुटेज भी खंगाल रही हैं ताकि विस्फोट से पूर्व-किसी संदिग्ध गतिविधि का पता लगाया जा सके।
स्थानीय प्रभाव और जनजीवन
धमाके के बाद लाल किला, आस-पास का बाजार और मेट्रो स्टेशन इलाके में भारी भीड़ व अफरा-तफरी रही। कई दुकानें टूट-फूट के साथ बंद हो गईं, यातायात प्रभावित हुआ और लोगों में भय का माहौल छा गया। प्राथमिक राहत कार्यों में स्थानीय प्रशासन, पीएचसी व एनजीओ सक्रिय हैं और परिजनों तक समाचार पहुँचाने की कोशिशें जारी हैं।
दिल्ली में बड़ा धमाका, लाल किला के पास.
ये धमाके के बाद का वीडियो है. कई गाड़ियां इसकी चपेट में आई हैं. pic.twitter.com/FBg3pVmRQy
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) November 10, 2025
क्या आगे होगा — जांच की राह
जांच कई मोर्चों पर चल रही है—फॉरेंसिक विश्लेषण (रासायनिक व मैटेरियल टेस्ट), वाहन-पहचान, सीसीटीवी व मोबाइल डेटा क्रॉस-चेक, वाहन के असली मालिक/आखिरी इस्तेमालकर्ताओं तक जांच, और संभावित संलिप्तता की पड़ताल। विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार घटनास्थल और साक्ष्यों की कंटिन्यूअस जांच ही इस प्रकार की घटनाओं के वास्तविक कारणों को सामने ला सकती है। सार्वजनिक सुरक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त सुरक्षा के उपाय और विस्तृत एडवाइज़री जारी की जा सकती है।
अंत में — यह एक ऐसा मामला है जिसमें बहुत-से तकनीकी और कड़ीf-साक्ष्य की आवश्यकता है। जांच के परिणाम आने तक कई दावे केवल अनुमान ही रहेंगे। जिम्मेदार एजेंसियों की प्राथमिकता फिलहाल पीड़ितों को तत्काल इलाज व परिवारों को सूचित करना, और घटनास्थल से हर संभव साक्ष्य इकट्ठा कर के यह पता लगाना है कि यह हमला किसने, किस तरह और किस मकसद से अंजाम दिया।
(जांच जारी है — अधिक विवरण जैसे ही उपलब्ध होंगे, रिपोर्ट अपडेट की जाएगी।)














