Wednesday, October 8, 2025
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“आने वाले कई चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही लड़े जायेंगे” — राजनाथ सिंह का स्पष्ट बयान, 35 साल पुरानी मित्रता और गहरी तारीफें

नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वाँ जन्मदिन और उनकी राजनीतिक सक्रियता के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक स्पष्ट और निर्णायक संदेश दिया है: 2029 और 2034 के आम चुनावों तक नरेंद्र मोदी ही भाजपा-एनडीए का नेतृत्व करेंगे। इंडिया-टुडे के इंटरव्यू में राजनाथ ने विपक्ष की ‘मोदी रिटायर’ वाली प्रविष्टियों को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का स्थान खाली नहीं रहेगा — “आने वाले कई वर्षों तक प्रधानमंत्री पद नरेंद्र मोदी ही संभालेंगे; वे निर्विवाद हैं।”

नीचे इस बयान के साथ हुए प्रमुख बिंदु, राजनाथ-मोदी के रिश्ते के संकेत और राजनीतिक निहितार्थों का संक्षिप्त-विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत है।


राजनाथ-सिंह का मुख्य संदेश: नेतृत्व में कोई रिवाइज नहीं

राजनाथ सिंह ने बिना किसी द्विपक्षीय संशय के कहा कि भाजपा की परिकल्पना और चुनाव रणनीति में नरेंद्र मोदी का नेतृत्व बरकरार रहेगा। उनके शब्दों में यह बात स्पष्ट थी कि पार्टी और नेतृत्व-कमर दोनों आगे भी मोदी के इर्द-गिर्द केंद्रित रहेंगे — यह बयान उन तमाम अटकलों का जवाब भी माना जा रहा है जिनमें कुछ विपक्षी नेता यह कहते आए हैं कि मोदी को रिटायर हो जाना चाहिए।


35 साल की दोस्ती — निजी अनुभव और मोदी की विशेषताएँ

राजनाथ ने इंटरव्यू में अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे और मोदी करीब 35 सालों से जानते-पहचानते हैं — पहली बार उनकी मुलाकात झांसी में हुई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री की कुछ विशेष खूबियों पर भी ज़ोर दिया:

राजनाथ ने कहा कि मोदी जटिल और कठिन फैसले लेने में संकोच नहीं करते; वे चुनौती के समय दबते नहीं और निर्णायक कदम उठाते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि विश्व के कई बड़े नेता आज वैश्विक मामलों पर मोदी से सलाह लेते हैं और निजी तौर पर भी उनसे जुड़े रहते हैं — राजनाथ ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने पहले किसी अन्य प्रधानमंत्री को इतने व्यक्तिगत जन्मदिन संदेश या कॉल करते नहीं देखा।

ये आशय मोदी की वैश्विक सक्रियता और व्यक्तिगत कनेक्टिविटी पर प्रकाश डालते हैं — जो BJP नेतृत्व के लिये भी राजनीतिक एक संपत्ति के रूप में देखे जाते हैं।


2013–14 का चुनावी सफर: कैसे उभरकर आये मोदी

राजनाथ ने 2013 के दौर का जिक्र करते हुए कहा कि किस तरह 2013 में नरेंद्र मोदी को चुनाव अभियान का संयोजक बनाया गया और बाद में संसदीय बोर्ड के समर्थन से उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। उन्होंने यह भी साफ़ किया कि वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का सम्मान पार्टी में आज भी बरकरार है — यह संकेत पार्टी के भीतर नेता-पुरुषों के प्रति सत्कार को भी दर्शाता है।

राजनाथ ने यह भी साझा किया कि 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान वे अक्सर मोदी के साथ यात्रा पर रहते थे और स्वयं उन्हें भरोसा दिलाते थे कि वे पूर्ण बहुमत हासिल करेंगे — परन्तु मोदी को उस समय खुद पूर्ण विश्वास नहीं था। यह ऐतिहासिक व्यंजना 2014 के निर्णायक राजनीतिक परिवर्तन और मोदी-नेतृत्व के उत्थान की याद दिलाती है।


विपक्ष के आरोपों पर राजनाथ की टिप्पणी: “निराधार” और कानूनी रास्ता

वोट-चोरी और चुनावों में धाँधली के विपक्ष के आरोपों को राजनाथ सिंह ने “निराधार” करार दिया। उनका कहना था कि यदि विपक्ष के पास ठोस साक्ष्य हैं तो उन्हें कोर्ट जाना चाहिए — यानी राजनीतिक आरोपों के स्थान पर न्यायिक और कानूनी प्रक्रिया अपनाने का आह्वान। यह बयान चुनावी विवादों को वैधानिक दायरे में ले जाने की झलक देता है और साथ ही भाजपा की नरेशनल-डिफेंसिव पोजीशन को भी रेखांकित करता है।


राजनीतिक निहितार्थ: स्थिरता, एकता और नेतृत्व-कथा

राजनाथ के यह स्पष्ट शब्द कई मायनों में भाजपा के लिए सकारात्मक संकेत हैं:

1.आंतरिक एकता प्रदर्शन: शीर्ष नेतृत्व द्वारा स्पष्ट संदेश देने से पार्टी के भीतर मौजूदा या संभावित नेतृत्व-वैकल्पिक चर्चाओं का असर कम होगा।

2.चुनावी रणनीतिक रुख: मोदी के नेतृत्व के साथ 2029-2034 की चुनाव योजना यह बताती है कि भाजपा भविष्य के चुनावों के लिये वही राष्ट्रीय नरेश-कहानी अपनाएगी जो पिछले वर्षों में फलीभूत रही — विकास, सुरक्षा और नेतृत्व-कठोरता।

3.विपक्षी राजनीति पर असर: विपक्ष के “उम्र-आधारित” तर्कों को भाजपा नेतृत्व ने खारिज कर दिया है; अब विपक्ष को दूसरे एंगल से बहस लड़नी होगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के स्पष्ट और समयोचित बयानों ने भाजपा के राजनीतिक पाथेय को एक बार फिर केंद्रित कर दिया है: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अगला दशक — कम-से-कम 2029 और 2034 के चुनाव — भाजपा की प्राथमिकता है। व्यक्तिगत सराहना, 2014 के अनुभव और विपक्ष के आरोपों पर कानूनी रास्ते की बात — ये सब मिलकर एक मजबूत संदेश देते हैं कि भाजपा नेतृत्व आगे भी मोदी-केंद्रित बने रहने का इच्छुक है।

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
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