केंद्र सरकार के भाई अमित शाह ने जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर पहली बार खुलकर अपनी राय रखी। एएनआई को दिए गए साक्षात्कार में शाह ने कहा कि धनखड़ संवैधानिक पद पर थे और अपने कार्यकाल के दौरान संविधान के अनुसार बेहतर काम करते रहे। उन्होंने स्पष्ट किया कि धनखड़ ने निजी स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा दिया था और इसे आगे खींचने की जरूरत नहीं है।
शाह ने कहा, “जगदीप धनखड़ जी संवैधानिक पद पर बैठे थे और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान संविधान के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वहन किया।” गृह मंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि इस्तीफे के पीछे निजी स्वास्थ्य कारण थे और इस विषय को किसी अन्य दिशा में मोड़ने की जरूरत नहीं है।
विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे कुछ आरोपों और धनखड़ के नजरबंद होने की चर्चा पर शाह ने सच व झूठ की व्याख्या पर चिंता जाहिर की। उनका कहना था कि किसी विषय की सत्यता केवल विपक्ष के बयानों पर टिकी नहीं होनी चाहिए और इस तरह के मामले पर अनावश्यक हंगामा नहीं करना चाहिए। शाह ने विपक्ष को सूचित और संयमित रुख अपनाने की नसीहत दी।
इस बयान से राजनीतिक गलियारों में उठी अटकलों पर कुछ हद तक विराम लगता दिखता है, क्योंकि गृह मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में इस्तीफे का कारण निजी स्वास्थ्य बताया और मामले को संवैधानिक परिप्रेक्ष्य में रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर फालतू बहस से बचना चाहिए और जो तथ्य हैं, उन्हीं पर चर्चा होनी चाहिए।
संक्षेप में, अमित शाह ने जगदीप धनखड़ के कार्यकाल की सराहना करते हुए उनके इस्तीफे को व्यक्तिगत स्वास्थ्य कारण से जुड़ा बताया और सार्वजनिक बहस को तथ्यों तक सीमित रखने की अपील की है।