Monday, August 18, 2025
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“पहले छुपकर, अब खुलेआम चोरी” — CEC की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद राहुल गांधी का तीखा पलटवार; चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप

नई दिल्ली/बिहार — देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की प्रेस कॉन्फ़्रेंस के कुछ ही घंटों बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिहार के अपने ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ के मंच से चुनाव आयोग पर कड़ा हमला बोला। राहुल ने आरोप लगाया कि पहले वोट चुराने की कोशिशें गुप्त रूप से होती थीं, अब चुनाव आयोग (और सरकार) सीधा SIR — यानी “जनता से वोट चोरी” — जैसा कोई तरीका अपनाकर खुलकर वोट हड़प रहे हैं।

राहुल का चुनाव आयोग पर हमला और सवाल
राहुल गांधी ने अपनी बात रखते हुए आयोग और सरकार से सीधे सवाल किए — उन्होंने पूछा कि 2023 में जो कानून बनाया गया, वह क्यों बनाया गया और क्या उसका उद्देश्य चुनाव आयुक्तों को किसी भी कानूनी कार्रवाई से बचाना नहीं था। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयोग पर “सीसीटीवी फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची” नहीं देकर गुत्थी नहीं सुलझाने का आरोप लगाया और कहा:

“पहले छुपकर चोरी होती थी, अब SIR से खुलेआम।
हमने पूछा — 1 करोड़ नए मतदाता महाराष्ट्र में कैसे आए? किसने बनवाए? आयोग ने जवाब नहीं दिया। जब हमने सीसीटीवी और मतदाता सूची मांगी तो उपलब्ध नहीं करवाई गई।”

महाराष्ट्र का उदाहरण — 1 करोड़ नए मतदाता
राहुल ने महाराष्ट्र के पारिभाषिक मौसम का उदाहरण देते हुए कहा कि लोकसभा और बाद के विधानसभा चुनावों के बीच वहां अचानक लगभग एक करोड़ नए मतदाता दिखाई दिए, जिनमें से कई मत भाजपा के पक्ष में गए। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस-समर्थक दलों ने यह पूछताछ की तो चुनाव आयोग ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया — और यही शक उनकी यात्रा की वजह है।

चुनाव आयोग पर आरोप — “भाजपा की भाषा बोल रहे हैं”
कांग्रेस ने CEC की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भी तीखा आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग ने जवाब देने के बजाय भाजपा की भाषा में बहाने दिए। पार्टी का दावा है कि चुनाव आयोग न सिर्फ़ तटस्थ नहीं रह रहा बल्कि घोर अहंकार के साथ काम कर रहा है और ‘एक व्यक्ति–एक वोट’ के सिद्धांत का संदेहजनक रूप से उल्लंघन हो रहा है।

कांग्रेस का एहतियाती संदेश — कानूनी जिम्मेदारी की आगाहि
कांग्रेस ने चेतावनी भी दी कि लोकतंत्र से छेड़छाड़ करने पर कानून किसी को बख्शेगा नहीं और समय आने पर जिम्मेदारों से पूछा जाएगा। कांग्रेस ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में सर्वोच्च न्यायालय को बाहर रखने के सन्दर्भ में सवाल उठाना भी इस माहौल का हिस्सा है — पार्टी का कहना है कि इसी का नतीजा निहित स्वार्थी नियुक्तियाँ हो रही हैं।

चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया और आगे की स्थिति
ज्ञानेश कुमार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयोग ने क्या कहा — इस पर फिलहाल औपचारिक तौर पर आयोग की ओर से विस्तृत प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं हुई है। राहुल के आरोपों के बाद चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण की उम्मीद है; दोनों पक्षों के दावे व जवाब आने-मिलने के बाद ही मामला आगे सुगम तरीके से समझा जा सकेगा।

क्या होगा आगे?
कांग्रेस ने अपनी मतदाता अधिकार यात्रा जारी रखने की बात कही है और विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को लेकर सतर्कता बरतने का संकेत दिया है। यदि आवश्यक हुआ तो दोनों ओर से अदालतों तक मुद्दे पहुँच सकते हैं — खासकर तब जब इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची और सीसीटीवी फुटेज जैसी लिखित/डिजिटल मांगों का जवाब न मिले।

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