नई दिल्ली/हरियाणा — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (17 अगस्त) हरियाणा में लगभग ₹11,000 करोड़ की दो अहम सड़क परियोजनाओं — द्वारका अर्बन एलिवेटेड एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-2) — का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। दोनों परियोजनाएँ दिल्ली-NCR व गुरुग्राम के लंबे समय से जूझ रहे ट्रैफ़िक प्रकार्यों को कम कर, लोगों की यात्रा को तेज और माली ढुलाई को सुगम बनाने का लक्ष्य रखती हैं।
मुख्य बातें — क्या है नया
•द्वारका अर्बन एलिवेटेड एक्सप्रेसवे — देश का पहला 8-लेन अर्बन एलिवेटेड एक्सप्रेसवे। कुल लंबाई 29 कि.मी. है, जिसका लगभग 18.9 कि.मी. हरियाणा में और 10.1 कि.मी. दिल्ली में आता है। यह महिपालपुर (शिव मूर्ति के पास) से शुरू होकर खेड़की-दौला (Kherki Daula) टोल प्लाजा पर समाप्त होता है।
•इस एक्सप्रेसवे पर देश की सबसे चौड़ी 3.6 कि.मी. लंबी सुरंग बनेगी।
•इसके शुरू होने के बाद दिल्ली–गुरुग्राम का सफर लगभग 20 मिनट में पूरा होने का अनुमान है — पहले इस दूरी में अक्सर एक घंटे या उससे अधिक लग जाता था।
•UER-2 (Urban Extension Road-2) — लगभग 75.81 कि.मी. लंबी, 6-लेन चिन्हित सड़क, जिसमें कई एलिवेटेड सेक्शन शामिल हैं। इसका प्रारंभ दिल्ली के अलीपुर से होगा, यह दिल्ली-चंडीगढ़ राजमार्ग से जुड़कर मुंडका, बक्करवाला, नजफगढ़, द्वारका होते हुए महिपालपुर के पास दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे से आकर खत्म होगा। अनुमानित लागत लगभग ₹6,445 करोड़ है।
किसे मिलेगा खास फायदा
•गुरुग्राम, द्वारका, वसंत कुंज और आसपास के इलाकों के यात्रियों को प्रत्यक्ष लाभ।
•बाहरी और उपनगरीय इलाकों — बवाना, नरेला, मुंडका, रोहिणी, समयपुर बादली, कंझावला, किराड़ी — के लाखों निवासियों की दिल्ली-आगमन अवधि कम होगी।
•फरीदाबाद-मानेसर, सोनीपत, पानीपत और चंडीगढ़ जैसी दिशाओं से आने-जाने वाले यात्री भी बेहतर कनेक्टिविटी का लाभ पाएँगे।
•रिपोर्टों के अनुसार धौला कुआँ-से गुरुग्राम की ओर जाने वाले मार्ग पर लगभग 50% तक ट्रैफ़िक घटने की संभावना है।
यातायात-प्रबंधन और कनेक्टिविटी
•द्वारका एक्सप्रेसवे व UER-2 के संयोजन से दिल्ली के रिंग रोड, NH-48, NH-44 और बारापुला एलिवेटेड कॉरिडोर पर भी जाम में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद।
•दोनों परियोजनाएँ मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी (रेल, मेट्रो व बस) को जोड़ने के दृष्टिकोण से डिज़ाइन की गई हैं, जिससे एयरपोर्ट-कनेक्टिविटी (IGI) और लोकल-परिवहन अधिक भरोसेमंद बनेगा।
•मालगाड़ी-आवागमन और लॉजिस्टिक ऑपरेशनों के लिए भी ये रोड्स महत्वपूर्ण ठहरेंगी — समय व लागत दोनों में बचत संभव।
पर्यावरण व सार्वजनिक लाभ
ट्रैफ़िक-जाम घटने से वाहन-रुकने पर उत्सर्जन कम होगा, ईंधन-खपत में कमी आएगी और यात्रियों का समय व आर्थिक नुकसान घटेगा — यह क्षेत्रीय व आर्थिक उत्पादकता के लिये सकारात्मक संकेत है।
कब और क्या परिवर्तन दिखेगा
आज के उद्घाटन के बाद निर्माण व व्यवस्था अनुसार इन मार्गों का चरणबद्ध संचालन शुरू होगा; शुरुआती प्रभाव यात्रियों व परिवहन सेवाओं पर जल्दी दिखने की उम्मीद है। राजधानी-नगरीय गलियारों में यह परियोजनाएँ जाम-रहित, तेज और भरोसेमंद आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जाएँगी।