नोएडा — सेक्टर-70 के फर्स्ट वन रिहैब फाउंडेशन में शनिवार को कृष्ण जन्माष्टमी बड़े उल्लास और भक्ति-भाव के साथ मनाई गई। इस विशेष अवसर पर दिव्यांग बच्चों ने कृष्ण-राधा के रंग में रंगकर नृत्य-नाटिका, रास-लीला के अंश और सुदामा चरित जैसे नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत कर दर्शकों का मन जीत लिया। मंच पर बच्चों की हाव-भाव भरी अदाकारी और सजीव अभिनय ने मौके को बेहद सजीव और प्रभावशाली बना दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अग्निशमन अधिकारी योगेंद्र चौरसिया और कवयित्री शशि पांडे रहे। उन्होंने बच्चों की प्रस्तुति की खुले दिल से प्रशंसा की और कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में समावेशन की महत्वपूर्ण मिसाल हैं — ये न सिर्फ़ प्रतिभा को उभारते हैं, बल्कि बच्चों के आत्मविश्वास को भी नई उड़ान देते हैं।
#Noida के सेक्टर-70 स्थित@Firstonerehab ने #कृष्णजन्माष्टमी पर दिव्यांग बच्चों ने राधा-कृष्ण रूप में नृत्य,नाटिकाएँ व रास-लीला पेश कर मन मोहा
मुख्य अतिथि अग्निशमन अधिकारी योगेंद्र चौरसिया व कवयित्री शशि पांडे ने बच्चों की प्रतिभा को सराहा#Inspiration #Janmashtami2025 pic.twitter.com/4yMgX2xIUM
— PARDAPHAAS NEWS (@pardaphaas) August 16, 2025
फाउंडेशन के निदेशक डॉ. महीपाल सिंह और डॉ. दीक्षा श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया। आयोजन की ज़िम्मेदारी सुश्री इलिका रावत और कृष्णा यादव ने संभाली, जबकि समन्वय, संचालन व मेजबानी का भार डॉ. सुष्मिता भाटी और सौम्या सोनी ने बखूबी निभाया। प्रशासनिक व्यवस्था और अतिथियों का पुष्पगुच्छ प्रबंध केंद्र प्रबंधक सुरभि जैन और प्रशासन प्रमुख कृष्णा यादव ने देखा।
मंचीय प्रस्तुतियों में रंग-रूप, पारंपरिक वेशभूषा और भावाभिनय की खास तासीर रही। भगवान कृष्ण-राधा की झाँकी, रास-लीला की रचना और सुदामा के भावुक प्रसंग ने दर्शकों को भावविह्वल कर दिया। कार्यक्रम के दौरान परिजनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी बच्चों की प्रतिभा की सराहना की और हौसला बढ़ाया।
समापन पर सामूहिक भजन और प्रसाद वितरण किया गया। आयोजकों ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम न केवल दिव्यांग बच्चों को रचनात्मक मंच देते हैं बल्कि उनकी सामाजिक भागीदारी, आत्मनिर्भरता और मनोबल को मजबूती प्रदान करते हैं। फाउंडेशन ने आगे भी नियमित रूप से इस तरह के सांस्कृतिक व प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी रखने का संकल्प जताया।
इस समारोह ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि सही अवसर और समर्थन मिले तो हर बच्चे में प्रतिभा खिल सकती है — और समाज की असली सफलता वही होगी जहाँ हर व्यक्ति को समान मंच और सम्मान मिले।