महाराष्ट्र की राजनीति में इस वक्त हलचल मची हुई है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेताओं ने चौंकाने वाला दावा किया है कि 2024 विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें EVM “मैनेज” करने का ऑफर दिया गया था।
मामला तब गरमा गया जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में बीजेपी पर “वोट चोरी” के आरोप लगाए। पवार का कहना है कि नवंबर 2024 में — राज्य चुनाव से ठीक पहले — दो लोग महा विकास आघाड़ी (MVA) के पास आए और 160 सीटें जिताने का वादा किया, बशर्ते EVM को “मैनेज” करने की इजाज़त दी जाए।
रविवार को शिवसेना (UBT) ने भी दावा किया कि यही दो लोग पार्टी को 60–65 मुश्किल सीटें जिताने का ऑफर लेकर आए थे, वह भी EVM में गड़बड़ी करके।
“हम लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं,” उद्धव ठाकरे ने इन लोगों से साफ़ कहा और प्रस्ताव ठुकरा दिया। शिवसेना सांसद संजय राउत ने पुष्टि की कि वह उस मीटिंग में मौजूद थे।
गौरतलब है कि एमवीए (एनसीपी-शरद पवार, शिवसेना-UBT, कांग्रेस और छोटी पार्टियां) ने जून 2024 लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 में से 30 सीटें जीती थीं। लेकिन सिर्फ़ छह महीने बाद विधानसभा चुनाव में नतीजे पलट गए — 288 में से सिर्फ़ 50 सीटों पर जीत मिली।
पवार ने कहा कि निष्पक्षता और ईमानदारी बनाए रखने के लिए उन्होंने ऑफर ठुकरा दिया। न तो उन लोगों के नाम बताए और न ही उनकी पहचान उजागर की।
शिवसेना नेताओं का आरोप है कि उन दोनों ने चेतावनी दी थी कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने MVA को हराने के लिए EVM और मतदाता सूची में हेराफेरी की योजना बनाई थी।
बीजेपी का पलटवार:
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पवार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि “ये बातें राहुल गांधी से मिलने का नतीजा लगती हैं।”
यह खुलासा न सिर्फ़ EVM बहस को फिर से जिंदा कर रहा है, बल्कि राज्य की राजनीति में नया भूचाल ला रहा है।