बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के तहत चुनाव आयोग द्वारा चलाया जा रहा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अब अंतिम चरण में है। इस महाअभियान को 25 जुलाई 2025 तक पूरा किया जाना है, और अब तक 95.92 प्रतिशत मतदाता प्रारूप सूची में सम्मिलित किए जा चुके हैं। शेष 6 दिनों में बचे हुए मतदाताओं को जोड़ने के लिए मिशन मोड में जोर-शोर से अभियान चलाया जा रहा है।
32 लाख से अधिक मतदाता अब भी सूची से बाहर
चुनाव आयोग के अनुसार, अब तक 7,89,69,844 मतदाताओं में से 7,15,82,007 के फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं। यानी अब भी 32,23,023 (4.08%) मतदाता ऐसे हैं जिनसे फॉर्म भरवाना बाकी है या जिन्होंने अभी तक आवेदन नहीं किया है।
इनमें से 6,96,93,844 (88.25%) मतदाताओं के फॉर्म डिजिटाइज्ड हो चुके हैं। वहीं, 5.27% (41,64,814) मतदाता अपने पते पर अनुपस्थित पाए गए हैं।
मृत, स्थानांतरित और दोहराए गए नामों की भी हुई पहचान
विश्लेषण के दौरान आयोग ने पाया कि:
14,29,354 मतदाताओं की संभवतः मृत्यु हो चुकी है।
19,74,246 मतदाता स्थायी रूप से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित हो चुके हैं।
7,50,213 मतदाता ऐसे हैं जिनके नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज हैं।
जबकि 11,000 मतदाताओं का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है।
मिशन मोड में जुटा पूरा चुनावी तंत्र
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को अद्यतन करने के लिए एक विशाल अभियान छेड़ रखा है जिसमें:
1 लाख बीएलओ (Booth Level Officer)
4 लाख स्वयंसेवक
1.5 लाख बीएलए (Booth Level Agents) और
राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्ष भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
बीएलओ अब तक तीन से अधिक बार घर-घर जाकर संपर्क कर चुके हैं। अब अंतिम चरण में एक और व्यापक दौरा किया जा रहा है ताकि कोई भी योग्य मतदाता वंचित न रह जाए।
बाहर गए मतदाताओं तक भी पहुंच रहा आयोग
राज्य से बाहर काम के सिलसिले में गए बिहार के मतदाताओं को जागरूक करने के लिए चुनाव आयोग देशव्यापी विज्ञापन और डिजिटल माध्यमों का सहारा ले रहा है। वहीं, शहरी मतदाताओं को सूची में शामिल करने के लिए राज्य के 261 शहरी निकायों के 5,683 वार्डों में विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं।
नाम जुड़वाने या सुधार के लिए 30 अगस्त तक मौका
यदि किसी का नाम 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित होने वाली प्रारूप मतदाता सूची में गलती से छूट गया हो, गलत जुड़ गया हो या उसमें कोई त्रुटि हो, तो 30 अगस्त 2025 तक दावे और आपत्तियां दर्ज कराई जा सकती हैं। यह प्रक्रिया SIR आदेश के अनुच्छेद 7 (पृष्ठ 2) के तहत संचालित की जा रही है। दावे-आपत्तियां संबंधित बीएलओ, बीएलए या राजनीतिक दल दर्ज करवा सकते हैं।
लोकतंत्र के महायज्ञ की तैयारी अंतिम दौर में
बिहार में लोकतंत्र के इस पर्व को निष्पक्ष और समावेशी बनाने की दिशा में चुनाव आयोग कोई कसर नहीं छोड़ रहा। सभी योग्य मतदाताओं को जोड़ने की यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि आगामी विधानसभा चुनाव में हर मतदाता की भागीदारी हो और कोई भी आवाज अधूरी न रहे।