गाजीपुर – करंडा विकास खंड अंतर्गत सुआपुर ग्राम सभा में मनरेगा योजना के तहत भारी फर्जीवाड़ा सामने आया है। ग्रामीणों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, गौशाला के पास पोखरी की खुदाई का कार्य बीते तीन-चार दिनों से रात के समय जेसीबी मशीन से कराया जा रहा है। वहीं, दिन में उसी कार्य के लिए ऑनलाइन मास्टर रोल में ग्रामीण मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है।सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 2 जुलाई को इस कार्य में 70 से अधिक मजदूरों की हाजिरी दर्शाई गई, जबकि मौके पर कहीं भी मानव श्रम होता नहीं दिखा। पूरी खुदाई मशीन से कराई जा चुकी है, जो मनरेगा की मूल भावना और नियमों का खुला उल्लंघन है। योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को रोजगार देना है, लेकिन यहां मशीनों से कार्य कराकर मजदूरों का हक छीना जा रहा है।स्थानीय ग्रामीणों ने इस गड़बड़ी पर नाराजगी जताई है और आरोप लगाया कि इससे न केवल गरीब मजदूरों को नुकसान हो रहा है, बल्कि सरकारी धन की भी जमकर लूट हो रही है। मामले को लेकर जब ग्राम प्रधान से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल बंद मिला। ग्राम पंचायत अधिकारी अवनीश कुमार ने बताया कि हाल ही में उनका स्थानांतरण चोचकपुर क्लस्टर में हुआ है जिसमें सुआपुर भी शामिल है। उन्होंने कहा कि यदि आरोपों के प्रमाण मिलते हैं तो जांच के बाद मजदूरों की उपस्थिति को शून्य कर दिया जाएगा।खंड विकास अधिकारी करंडा से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर फाइलों में दफन हो जाएगा। ग्रामीणों की निगाहें अब डीएम गाजीपुर पर टिकी हैं।