
कोलकाता: चिनार पार्क इलाके में एक हाई-प्रोफाइल लूट की घटना ने पुलिस महकमे से लेकर केंद्रीय सुरक्षा बल तक को हिलाकर रख दिया है। बागुईहाटी थाना क्षेत्र में स्थित एक बिजनेसमैन के घर में 18 मार्च की रात करीब दो बजे फर्जी इनकम टैक्स रेड के नाम पर लूटपाट की गई। हैरानी की बात यह है कि इस वारदात को अंजाम देने वाले कोई साधारण बदमाश नहीं, बल्कि सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) के सक्रिय जवान निकले।
क्या है पूरा मामला?
मृत बिजनेसमैन के घर में उस वक्त उनकी elderly मां और बेटी विनीता सिंह मौजूद थीं। तभी रात में कुछ लोग इनकम टैक्स अधिकारी बनकर उनके घर पहुंचे। उन्होंने डोर बेल बजाई, और जैसे ही दरवाजा खुला—मोबाइल छीनकर सभी को बंधक बना लिया गया। इसके बाद घर में रखे 3 लाख रुपये नकद और भारी मात्रा में सोने के गहने लूट लिए गए।
सबसे चौंकाने वाली बात तब सामने आई जब लुटेरे बिजनेसमैन की दूसरी पत्नी आरती सिंह के कमरे में गए, लेकिन वहां से कुछ भी नहीं ले गए। बेटी विनीता को यहीं कुछ अजीब लगा। उन्होंने तुरंत बागुईहाटी थाने में शिकायत दर्ज करवाई।
जांच में सामने आई चौंकाने वाली साजिश
विनीता ने आयकर विभाग से संपर्क किया तो खुलासा हुआ कि उस रात विभाग की ओर से कोई छापा नहीं मारा गया था। इसके बाद पुलिस ने इलाके के CCTV फुटेज खंगाले और दो गाड़ियों की पहचान की जिनसे लुटेरे आए थे—एक पिकअप वैन और एक बाइक।
पिकअप वैन के ड्राइवर दीपक रैना को हिरासत में लेने के बाद बड़ा खुलासा हुआ। पुलिस ने CISF के जिन पांच कर्मियों को गिरफ्तार किया, उनमें शामिल हैं:
• इंस्पेक्टर अमित कुमार सिंह (फरक्का बैराज में तैनात)
• महिला कॉन्स्टेबल लक्ष्मी कुमारी (RG कर अस्पताल में तैनात)
• हेड कॉन्स्टेबल रामू सरोज
• कॉन्स्टेबल बिमल थापा
• कॉन्स्टेबल जनार्दन शाह
लूट की जड़: पारिवारिक संपत्ति विवाद
पुलिस के मुताबिक यह पूरी साजिश बिजनेसमैन की बेटी विनीता सिंह और दूसरी पत्नी आरती सिंह के बीच चल रहे संपत्ति विवाद से जुड़ी है। आरती सिंह ने अपने एक रिश्तेदार के साथ मिलकर CISF इंस्पेक्टर अमित कुमार से संपर्क किया था। डील यह तय हुई कि विनीता के घर से जितनी नकदी मिलेगी, उसे दोनों पक्ष 50-50 में बांट लेंगे।
CISF कर्मियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरती सिंह, ड्राइवर दीपक रैना और एक बिचौलिए को भी अरेस्ट किया है। आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और आगे की जांच जारी है।
DCP ऐश्वर्या सागर (एयरपोर्ट ज़ोन, बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट) ने कहा,
“यह एक सुनियोजित आपराधिक साजिश थी जिसमें सुरक्षा बल के सदस्य तक शामिल थे। ऐसे मामलों में किसी को बख्शा नहीं जाएगा।”