
गाजीपुर। मुलायम सिंह यादव के प्रति संत राजू दास द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में समाजवादी छात्र सभा ने आक्रोश व्यक्त करते हुए जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। सभा के कार्यकर्ताओं ने संत राजू दास का पुतला फूंका और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
क्या है पूरा मामला?
महाकुंभ स्थित मुलायम सिंह यादव स्मृति संस्थान में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के विचारों को मानने वालों की बढ़ती आस्था और सक्रियता से घबराए संत राजू दास ने एक आपत्तिजनक बयान दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर नेता अखिलेश यादव के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा कि कुंभ मेले में लगी मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा पर लघुशंका करें।

संत राजू दास का यह बयान न केवल समाजवादी पार्टी के समर्थकों, बल्कि नेताजी के विचारों और उनके सम्मान को मानने वाले सभी लोगों के लिए अपमानजनक था। इसे लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है।
छात्र सभा का प्रदर्शन
इस विवादित बयान के विरोध में समाजवादी छात्र सभा ने जिलाध्यक्ष अभिषेक कुशवाहा के नेतृत्व में जिला मुख्यालय पर संत राजू दास का पुतला जलाया। उन्होंने इस बयान को नेताजी के सम्मान पर हमला बताया और कहा कि संत राजू दास की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए।

प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नेता:
इस प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी और छात्र सभा के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए, जिनमें कमलेश यादव (प्रदेश सचिव, युवजन सभा), विक्की यादव (प्रदेश सचिव, छात्र सभा), मनीश्वर यादव (महासचिव, छात्र सभा), अशोक यादव (जिला उपाध्यक्ष), अनिल यादव (विधानसभा अध्यक्ष, जमानिया), पंकज यादव (विधानसभा अध्यक्ष, जखनिया), मनीष यादव, ओम प्रकाश यादव, अनुराग यादव, धीरज यादव और सुब्बू यादव जैसे नेता शामिल थे।
महिला सभा की महासचिव रीना यादव और ममता यादव भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल रहीं।
छात्र सभा की मांग
प्रदर्शनकारियों ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि संत राजू दास के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए। कार्यकर्ताओं का कहना था कि नेताजी मुलायम सिंह यादव का योगदान देश और समाज के लिए अतुलनीय है, और ऐसे बयान उनके सम्मान को ठेस पहुंचाते हैं।
समाजवादी पार्टी का बयान:
पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह विरोध प्रदर्शन केवल शुरुआत है। यदि सरकार ने संत राजू दास के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तो पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर आंदोलन होगा।
संपादकीय टिप्पणी:
संत राजू दास का बयान समाज में विभाजन और अशांति फैलाने वाला है। मुलायम सिंह यादव जैसे वरिष्ठ नेता के प्रति इस प्रकार का अनादर न केवल उनकी विरासत का अपमान है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ भी है। सरकार को इस मामले में त्वरित और सख्त कदम उठाने चाहिए।