
Ghazipur: Minister Om Prakash Rajbhar’s Controversial Statement,: गाजीपुर। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया बयान चर्चा का विषय बन गया है। यह घटना सत्यदेव कॉलेज बोरसिया में आयोजित कर्मवीर सत्यदेव सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर हुई, जहां राजभर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे।मंत्री ओमप्रकाश राजभर के इस बयान ने न केवल ठेकेदारों में खलबली मचा दी है, बल्कि उनके तेवर भी यह दर्शाते हैं कि वह सड़कों की गुणवत्ता को लेकर गंभीर हैं। हालांकि, उनके विवादित शब्दों ने उनकी छवि पर सवालिया निशान भी खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।
कार्यक्रम का आयोजन और सवाल-जवाब का दौर
कार्यक्रम में शाम करीब 4:30 बजे, मंत्री ओमप्रकाश राजभर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। चर्चा के दौरान उनसे गाजीपुर में सड़कों की खराब गुणवत्ता को लेकर सवाल किया गया। मीडिया ने पूछा कि मंत्री ने सरकार से सड़कों की शिकायत कर जांच की मांग क्यों की। इस पर राजभर ने कहा, “गुणवत्ता ठीक नहीं होने की शिकायत पर जांच होनी चाहिए। क्योंकि हम दिल्ली या प्रदेश से बेहतर सड़कों के लिए पैसा भेजवाते हैं।”
पत्रकार के सवाल पर मंत्री ने खोया आपा
हालांकि, माहौल तब गर्मा गया जब एक पत्रकार ने सवाल किया, “मंत्री का हिस्सा पहले ही ठेकेदार दे देता है, फिर भी सड़कों की गुणवत्ता खराब क्यों रहती है?” इस सवाल पर राजभर ने आपा खो दिया और गुस्से में कहा,
“कौन माधर… ठेकेदार है जो कह दे कि उसने ओमप्रकाश राजभर को पैसा दिया है। ठेकेदार को जूता-जूता मारूंगा।”
मंत्री का यह बयान कैमरे पर रिकॉर्ड हो गया, जिससे यह मामला तुरंत सुर्खियों में आ गया।
मंत्री ने दी सफाई
मंत्री ने ठेकेदारों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो भी सड़कों के निर्माण में लापरवाही करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य जनता को बेहतर सुविधाएं देना है। भ्रष्टाचार के लिए हमारी सरकार में कोई जगह नहीं है।”
बयान पर विवाद और राजनीतिक प्रतिक्रिया
मंत्री के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। स्थानीय नेताओं और विपक्षी पार्टियों ने राजभर के बयान को गैरजिम्मेदाराना और असंसदीय करार दिया।
जनता और प्रशासन का रुख
स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़कों की स्थिति लंबे समय से खराब है और ठेकेदारों की मनमानी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, प्रशासन ने मंत्री के बयान पर टिप्पणी से इनकार करते हुए जांच कराने का आश्वासन दिया है।