
INDIA Alliance Meeting on EVM Issue:
INDIA गठबंधन की बैठक:
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में ईवीएम से डेटा डिलीट होने और मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। यह निर्णय मंगलवार (10 दिसंबर 2024) को एनसीपी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार के आवास पर हुई एक अहम बैठक में लिया गया। बैठक में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।
एनसीपी (SP) नेता और महाराष्ट्र चुनाव में उम्मीदवार रहे प्रशांत जगताप ने मीडिया को जानकारी दी कि गठबंधन की तरफ से शुक्रवार (13 दिसंबर 2024) तक सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि बैठक में विशेष रूप से EVM में गड़बड़ी और चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए गए।
दिल्ली में आप-कांग्रेस गठबंधन की अटकलें:
मंगलवार शाम करीब 8:30 बजे आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और सांसद संजय सिंह ने शरद पवार के आवास पर मुलाकात की। बताया जा रहा है कि इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की प्रमुख ममता बनर्जी को INDIA गठबंधन की कमान सौंपने पर चर्चा होनी थी।
हालांकि, स्थिति तब और दिलचस्प हो गई जब कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और गुरदीप सिंह सप्पल भी इस बैठक में शामिल हो गए। इस मुलाकात ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी, खासतौर पर तब, जब यह खबर आई कि राहुल गांधी ने दिल्ली चुनाव को लेकर बुधवार (11 दिसंबर) का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया है। राहुल गांधी को इस दिन दिल्ली में कांग्रेस का चुनावी शंखनाद करना था।
गठबंधन पर निर्भर है आप का ऑफर:
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस और आप के बीच संभावित गठबंधन को लेकर बातचीत शुरू हो चुकी है। हालांकि, यह गठबंधन पूरी तरह AAP के ऑफर पर निर्भर करेगा। अगर AAP कांग्रेस को 10 से ज्यादा सीटें देने का प्रस्ताव रखती है, तो गठबंधन की संभावना मजबूत हो सकती है।
हालांकि, दोनों ही दलों के नेता अब तक सार्वजनिक रूप से साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं। लेकिन राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता, और इसी कारण इन अटकलों को बल मिल रहा है।
ईवीएम और चुनावी प्रक्रिया को लेकर विपक्षी दलों का सुप्रीम कोर्ट जाना एक बड़ा कदम माना जा रहा है। वहीं, दिल्ली चुनाव 2025 के पहले कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की चर्चा ने सियासी समीकरणों को और दिलचस्प बना दिया है। अब देखना यह होगा कि क्या INDIA गठबंधन का यह कदम चुनावी परिणामों पर कोई असर डाल पाता है।