Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के पहले सियासी गहमागहमी तेज हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने भी चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने इस बार दिल्ली की 70 सीटों में से 24 पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी की है। इस दौरान AIMIM ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन के परिवार को पार्टी में शामिल कराकर बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है।
ताहिर हुसैन का परिवार AIMIM में शामिल
10 दिसंबर की सुबह ताहिर हुसैन के परिवार ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से उनके आवास पर मुलाकात की। इसके तुरंत बाद ओवैसी ने ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद सीट से AIMIM का उम्मीदवार घोषित कर दिया। शाम को AIMIM के दिल्ली प्रभारी इम्तियाज जलील ने औपचारिक रूप से ताहिर हुसैन को पार्टी की सदस्यता दिलाई।
“अदालत ने दोषी नहीं माना”: AIMIM का बचाव
ताहिर हुसैन पर सवाल उठने पर इम्तियाज जलील ने कहा, “अदालत ने अभी तक ताहिर हुसैन को दोषी नहीं ठहराया है। जेलों में ऐसे न जाने कितने लोग बंद हैं, जो निर्दोष साबित होते हैं। जब बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा को भोपाल से चुनाव लड़ाया, तो उनसे यह सवाल क्यों नहीं पूछा गया?” उन्होंने आगे कहा, “ताहिर हुसैन का साथ देना हमारा कर्तव्य है। हमें गर्व है कि वे अब हमारी पार्टी का हिस्सा हैं।”
बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया
बीजेपी ने ताहिर हुसैन को AIMIM में शामिल किए जाने और चुनाव लड़ाने पर कड़ा विरोध जताया। सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “ताहिर हुसैन को वोट देना मतलब दिल्ली दंगों और आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का समर्थन करना।” बीजेपी ने AIMIM पर साम्प्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया।
“AAP ने ताहिर का साथ छोड़ा”: जलील का हमला
इम्तियाज जलील ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर निशाना साधते हुए कहा, “जिस पार्टी से ताहिर हुसैन जुड़े थे, उन्होंने ताहिर के परिवार का हाल तक नहीं पूछा। अगर आम आदमी पार्टी ने उनका साथ दिया होता, तो ताहिर हुसैन आज हमारे साथ नहीं होते।” उन्होंने AAP को बीजेपी की ‘बी टीम’ बताते हुए कहा, “AAP को आरएसएस ने विकल्प के तौर पर तैयार किया है, ताकि पीएम मोदी के ग्राफ में गिरावट आने पर यह उभर सके।”
अमानतुल्लाह खान को दिया AIMIM का ऑफर
AIMIM ने ओखला से AAP विधायक अमानतुल्लाह खान को भी पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया। इम्तियाज जलील ने कहा, “मेरी राय है कि अमानतुल्लाह हमारे साथ आ जाएं और चुनाव लड़ने से बचें, क्योंकि उन पर कार्रवाई होना तय है।”
मस्जिद के नीचे मंदिर के दावे पर AIMIM का जवाब
मस्जिदों के नीचे मंदिर होने के दावों पर जलील ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “भगवान मंदिरों में बसते हैं, लेकिन यह सरकार मस्जिदों में भगवान को ढूंढ रही है। अगर ज्यादा खोज करनी है, तो संसद के नीचे खुदाई करके देख लें, वहां भी बहुत कुछ मिलेगा।”
AIMIM की चुनावी रणनीति
दिल्ली की सियासत में AIMIM की एंट्री ने माहौल गर्मा दिया है। 24 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना से AIMIM अल्पसंख्यक वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में है। ताहिर हुसैन को टिकट देना और उनके परिवार को पार्टी में शामिल कराना इसका अहम हिस्सा माना जा रहा है।
दिल्ली चुनाव 2025 में AIMIM के इस कदम ने न केवल सियासी समीकरण बदले हैं, बल्कि AAP और बीजेपी दोनों के लिए चुनौती बढ़ा दी है। ताहिर हुसैन को उम्मीदवार बनाना पार्टी के लिए जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन इसके जरिए AIMIM ने साफ संदेश दिया है कि वह विवादित चेहरों के साथ भी मजबूती से खड़ी है। अब देखना यह है कि इस सियासी चाल का चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ता है।
VIKAS TRIPATHI
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