आम आदमी पार्टी (AAP) को दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले एक और झटका लगा है। सीलमपुर से विधायक अब्दुल रहमान ने टिकट कटने के बाद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी पर मुसलमानों और वंचित समुदायों की अनदेखी का गंभीर आरोप लगाया है।
अब्दुल रहमान ने क्या कहा?
इस्तीफे के दौरान अब्दुल रहमान ने कहा,
“पार्टी ने सत्ता की राजनीति में उलझकर मुसलमानों के अधिकारों को नजरअंदाज किया है। अरविंद केजरीवाल ने जनता के मुद्दों से भागकर केवल अपनी राजनीति की है। मैं इंसाफ और हक की लड़ाई जारी रखूंगा।”
अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में नाराजगी
रहमान ने अपने पत्र में AAP के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए लिखा,
“मैंने AAP को धर्म, जाति और समुदाय से ऊपर उठकर काम करने वाली पार्टी समझा था। लेकिन बीते वर्षों में यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी केवल वोट बैंक की राजनीति करती है। मुसलमानों और अन्य वंचित समुदायों के अधिकारों की रक्षा में पार्टी ने हमेशा चुप्पी साधी।”
जुबैर चौधरी को मिला टिकट
सीलमपुर सीट से इस बार अब्दुल रहमान की जगह आप ने जुबैर चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी की पहली सूची में जुबैर चौधरी का नाम शामिल था, जिसे 21 नवंबर को जारी किया गया था।
2020 में रहमान की ऐतिहासिक जीत
2020 के विधानसभा चुनाव में अब्दुल रहमान ने सीलमपुर सीट से भाजपा के कौशल मिश्रा को 36,920 वोटों के बड़े अंतर से हराया था। उन्हें 72,694 वोट मिले थे, जबकि भाजपा उम्मीदवार को 35,774 वोट मिले थे।
चुनाव से पहले AAP की मुश्किलें बढ़ीं
रहमान का इस्तीफा आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चुनावी रणनीति के तहत टिकट बदले जाने से पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ता दिख रहा है। अब देखना होगा कि यह नाराजगी AAP के प्रदर्शन को कितना प्रभावित करती है।
VIKAS TRIPATHI
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