गाजीपुर। नंदगंज थाना क्षेत्र में आईपीएस अमित कुमार समेत 18 पुलिसकर्मियों पर दर्ज आपराधिक मुकदमा मात्र 48 घंटे में खारिज कर दिया गया। मुकदमा गाजीपुर के सीजेएम कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया था, लेकिन पुलिस ने 29 अक्टूबर को ही अपनी रिपोर्ट पेश कर मामले को खत्म कर दिया।
मामले का आधार:
2021 में चंदौली के मुगलसराय थाने में तैनात कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह ने आरोप लगाया था कि थाने के प्रभारी शिवानंद मिश्रा और तत्कालीन एसपी अमित कुमार के संरक्षण में प्रतिमाह 12.5 लाख रुपये की अवैध वसूली होती थी। इसके विरोध में बोलने पर अनिल को निलंबित कर दिया गया और उस पर डकैती, गौ तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए गैंगस्टर एक्ट में जेल भेजा गया।
कोर्ट का आदेश:
कांस्टेबल अनिल ने कोर्ट में 156(3) के तहत वाद दाखिल किया। सितंबर में गाजीपुर सीजेएम कोर्ट ने नंदगंज पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट की अवमानना से बचने के लिए पुलिस ने 27 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज कर लिया।
पुलिस का तर्क:
गाजीपुर के एसपी डॉ. ईरज राजा ने कहा कि कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह ने वाद दाखिल करते समय अपने ऊपर लगे गंभीर आरोप और गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई को छुपाया था। इन्हीं तथ्यों के आधार पर मामले को खारिज कर कोर्ट में रिपोर्ट भेजी गई।
चर्चा में मामला:
इस प्रकरण से पुलिस विभाग में बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच का विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है। एसपी ने मामले की सत्यता को संदिग्ध बताते हुए कांस्टेबल पर आगे की कार्रवाई की सिफारिश की है।
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